रोजाना भरपूर नींद लेना अच्छी सेहत के लिए बहुत जरूरी है. एक स्वस्थ इंसान को रोजाना औसतन 7 से 8 घंटे की नींद लेनी चाहिए. यदि आप रात में पूरी नींद लेते हैं तो इससे अगले दिन के कामों को करने के लिए आवश्यक एनर्जी मिल जाती है और दूसरी आप तरोताज़ा महसूस करेंगे. पूरी नींद लेने वाले व्यक्ति को डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर का खतरा काफी कम हो जाता है. इंसानी शरीर को नींद से ताकत मिलती है. नींद के दौरान हमारा प्रतिरोधक तंत्र (इम्यून सिस्टम) ताकत जुटाता है. 

बिस्तर पर पढ़ना या टीवी नहीं देखना चाहिए. उसका उपयोग केवल सोने के लिए किया जाए. प्रोफेसर जर्मेन के मुताबिक मानव जाति का अस्तित्व इसलिए सुरक्षित नहीं है कि हम साथ रहते हैं, काम करते हैं बल्कि इसलिए भी है कि हम अपने जीवन का एक तिहाई हिस्सा सोने में बिताते हैं. आइए हम आपको नींद से जुड़े दस ऐसी रोचक पहलुओं से रूबरू करवाते हैं जिसे जानकर आप दंग रह जाएंगे.


  1. इंसान अपने जीवन का एक तिहाई भाग या लगभग 25 वर्ष नींद में ही बिता देता है. एक बच्चे का दिमाग ग्लूकोज सप्लाई का 50 फीसदी तक उपयोग करता है, इसी वजह से उसे अधिक सोने की जरूरत होती है. वहीं जानवरों की सोने की आदत भी काफी अजीब है. बिल्लियों का 70 फीसदी जीवन सोने में ही बीतता हैं. जिराफ के लिए दिनभर में बस 1.9 घंटे की नींद काफी होती है. भूरे चमगादड़ 24 घंटो में से 19.9 घंटे सोने में गुजारता है. वहीं एक घोंघा लगातार तीन साल तक सो सकता है. घोड़े खड़े-खड़े ही सो सकता है जबकि खरगोश अपनी दोनों आंखों को खुली रहकर सो करता है. एक दूसरे से बिछड़ न जाएं इसलिए समुद्री ऊदबिलाव एक दूसरे का हाथ पकड़कर सोते हैं.

  2. कोई भी अधिकतम 11 दिनों तक बिना नींद के रह सकता है. जी हां ये बेहद चकित कर देने वाला परंतु सत्य तथ्य है कि इंसान बिना खाए 2 महीने तक जीवित रह सकता है, लेकिन बिना सोये केवल 11 दिन तक जीवित रह पाता है. अभी तक सबसे सबसे ज्यादा समय तक लगातार जागने का रिकार्ड 1964 में 17 साल के रैंडी गार्डनर ने के नाम दर्ज है. उन्होंने 264 घंटे 12 मिनट यानी 11.005 घंटे बिना सोये रह गये थे.

  3. प्रत्येक रात को अगर आप सात घंटे से कम की नींद लेते हैं तो इससे आप की जीवन प्रत्याशा समाप्त हो जाती है. इसके पीछे की वजह ये है कि कम नींद लेने से आपका हारमोन स्‍तर तेजी से घटने लगता है. इससे आपके तार्किक शक्ति भी प्रभावित होती है. नींद की कमी के कारण आपका दिमाग महत्वपूर्ण और गैर-महत्वपूर्ण के बीच अंतर नहीं कर पाता है.

  4. नींद में सपने आने भी एक दिलचस्प पहलू है. नींद की अपनी दुनिया है और उसका काफी हिस्सा सपनों से मिल कर बनता है. नींद में शॉर्ट टर्म मेमरी की फाइल्स लॉन्ग टर्म मेमरी बदल जाती है. उस समय वो सब चीजें हमें दिखाई देती हैं जिसे हमने पहले से किया या सोचा हुआ होता है. मन में जो रहता है, सपने में भी वहीं दिखता है. सपने देखते वक्त अपना लॉजिकल ब्रेन रेस्ट लेता है, इसी कारण इंसना कहीं भी दिखाई दे देता है. तभी तो कहते है कि सपनों से नए प्रयोग करने की क्षमता विकसित होती है. इससे मावन मन में नए कल्पना व विचार आती है.

    नींद में अच्छी एवं खराब दोनों प्रकार के सपने आ सकते हैं. सीरियल या फिल्में, बहुत हिंसक वीडियो आदि देखे हैं तो इनके कारण बुरे सपने आ सकते हैं. बुरे और डरावने सपने आपकी नींद उड़ा सकते हैं. इस वजह से तनाव, बेचैनी, अनिद्रा जैसी बिमारियां भी हो सकती है. जिन लोगों को शराब और धूम्रपान की लत होती है उन्हें भी खराब सपने आते हैं.

  5. एक समय पर डॉल्फिन का केवल आधा दिमाग ही सो पाता है.

  6. जब आप सबसे ज्यादा खुश या बहुत दुखी होते हैं तो नींद नहीं आती है.

  7. इंसान का शरीर सुबह 3 से 4 बजे के बीच सबसे कमज़ोर होता है, यही कारण है कि ज़्यादातर लोगों की नींद में मृत्यु इसी समय होती है.

  8. इंसानी शरीर दिन और रात के 2 बजे सबसे ज्यादा थकता है. यहीं कारण है कि इस समय सबसे गहरी नींद आती है.

  9. सोते समय छींक नहीं आती है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जब आप सो रहे होते हैं उस समय नसें आराम की अवस्था में होती हैं. आपके साथ छींक से जुड़ी नसों को भी आराम मिलता है. यहीं कारण है कि आपको छींके आ रही हैं तो आपको नींद नहीं आ सकती है या यूं कहें अगर आपको जब आप सोते हैं तो छींक नहीं आ सकती है.

  10. नींद में चलने की बीमारी को पैरासोम्निया कहते है. ये एक ऐसी स्थिति है जिसमें इंसान नींद में चल सकता है एवं कोई काम भी कर सकता है. यहां तक कि वो क्राइम भी कर देता है. नेशनल स्लीप फाउंडेशन के आंकड़ों के मुताबिक दुनियाभर में 15 फीसदी लोगों को नींद में चलने और काम करने की बीमारी है.

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