यूपी में सरकारी नौकरी के लिए नियमों को बदलने की बात जैसे ही सामने आई यूथ योगी सरकार के विरोध में डटे हुए है. #काला_कानून_संविदा_वापस_लो के मुहिम को बड़ी संख्या में यूथ सपोर्ट कर रहे हैं. ये आज ट्वीटर पर ट्रेंड कर रहा है. यूपी में सरकारी नौकरी के लिए नियमों को बदलने की बात जैसे ही सामने आई यूथ योगी सरकार के विरोध में डटे हुए है. युवा लगातार सोशल मीडिया पर अपना विरोध प्रदर्शन दर्ज करा रहे. आज भी ये ट्वीटर के ट्रेंडिग लिस्ट में शामिल है. #काला_कानून_संविदा_वापस_लो के इस मुहिम में बड़ी संख्या में यूथ जुड़ रहे हैं.

आपको बता दें कि इस प्रस्तावित नियम को यदि लागू किया जाता है तो चयन के बाद शुरुआती पांच वर्ष तक कर्मियों को संविदा के आधार पर नियुक्त किया जाएगा. इस दौरान उन्हें नियमित सरकारी सेवकों को मिलने वाले अनुमन्य सेवा संबंधी लाभ नहीं मिलेंगे. पांच वर्ष की कठिन संविदा सेवा के दौरान जो छंटनी से बच पाएंगे उन्हें ही मौलिक नियुक्ति मिल सकेगी. इससे यूथ आक्रोश में है और सीएम योगी के खिलाफ विरोध का स्वर बुलंद किए हुए हैं. इस बारे ट्वीटर यूजर कामिनी द्विवेदी लिखती है, योगी जी आपने स्टूडेंट्स लिए कुछ भी नहीं किया. आपने उनके भविष्य को बर्बाद कर दिया. आप ये अपना निर्णय वापस लो.


वहीं बात वर्तमान नियुक्ति प्रक्रिया की करें तो फिलहाल सरकार रिक्त पदों पर लोगों को चयन के बाद संबंधित संवर्ग की सेवा नियमावली के अनुसार एक या दो वर्ष के प्रोबेशन पर रखती है. इस दौरान कर्मी वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी में काम करते हैं और उन्हें नियमित कर्मियों के जैसे वेतन व अन्य लाभ दिए जाते हैं. परंतु, प्रस्तावित पांच वर्ष की संविदा भर्ती और इसके बाद स्थायी नियुक्ति की कार्यवाही से समूह ‘ख’ व ‘ग’ की पूरी भर्ती प्रक्रिया ही बदल जाएगी. 

नई व्यवस्था में उनका हर 6 महीने में तय फार्मूले पर मूल्यांकन होगा. इसके तहत ‘मिजरेबल की परफार्मेंस इंडीकेटर’ (एमकेपीआई) के आधार पर उनके प्रदर्शन को आंका जाएगा. इसमें हर साल 60 फीसदी से कम अंक पाने वाले सेवा से बाहर होते जाएंगे. जो पांच वर्ष की सेवा तय शर्तों के साथ पूरी कर सकेंगे, उन्हें स्थायी नियुक्ति दी जाएगी. इसके दायरे से केवल प्रादेशिक प्रशासनिक सेवा (कार्यकारी एवं न्यायिक शाखा) तथा प्रादेशिक पुलिस सेवा को बाहर रखा गया है.

एक पहले सी ही युवाओं के लिए सरकारी नौकरी की कमी है. ऐसे में इस नए प्रस्ताव से यूपी में सरकारी नौकरी मिलना और कठिन हो जाएगा. इसलिए यूथ इसका जमकर विरोध कर रहे हैं.


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