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तेरे आचल की छाओ में पले है माँ
जिसमें सर रख कर बड़े फले है माँ
वो सुबह सुबह तेरा सूरज से पहले उठना
देख सुबह हम रोज़ स्कूल चले है माँ
जब भी कभी कोई मुसीबत आती है तो
रो के बचपन में लगे गले है माँ
हमेशा अपना काम छोड़ हमारे काम आती है
तभी हर वक़्त सब में भले है माँ
ना खुश हो कर भी हमे खुश रखे
ना कभी भी दुनिया में छले है माँ

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