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सूरज उगने के संग
मेरे बारे में सोचना
आहे भरना व संवरना
चढते दिन के साथ
इंतजार करना और वो
बलखाना व इतराना तेरा
ढलते सूरज के साथ
अपनी सखियों के साथ
वो मेरी बातें करना
रात की तन्हाईयों में
कुछ सपने बुनना व
उन्हें ओढ़ सोना तेरा

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