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सुबोध को ऑफिस में अचानक पत्नी का वॉट्सप मैसेज आता है ।

पत्नी: कहाँ हो? जल्दी से घर आओ।

सुबोध: ऑफ़िस में हूँ... क्या हुआ?

पत्नी: सब काम छोड़कर घर आओ फटाफट... फिर बताती हूँ क्या हुआ।

इतने में सुबोध की बेटी का मैसेज आता है ।

प्यारी बेटी: डैडी जहाँ भी हो वहीं रहना, घर मत आना अभी।

सुबोध: पर हुआ क्या है?

प्यारी बेटी: वो तो पता चल ही जाएगा कुछ देर में... पर आप ये समझ लो कि घर नहीं आना है।

पत्नी का फिर से मैसेज आता है।

पत्नी: तुम घर आते हो या मैं ऑफ़िस आऊँ?

सुबोध पत्नी को रिप्लाई ना करके बेटी को बताता है

सुबोध: तेरी मम्मी तो तुरंत घर आने को बोल रही है।

प्यारी बेटी: वो तो बोलेंगी ही पर आप कोई बहाना कर दो।

सुबोध: क्या बहाना करूँ?... वो तो ऑफ़िस आने को बोल रही हैं।

प्यारी बेटी: अरे, बोल दो ऑफ़िस में नहीं हो, किसी से मीटिंग के लिए गए हो।

सुबोध: किससे मीटिंग बोलूँ?

प्यारी बेटी: अरे यमराज से ही बोल दो।

सुबोध: कैसी बातें करती है अपने बाप की यमराज से मीटिंग के लिए बोल रही है।

प्यारी बेटी: मैं तो सिर्फ़ बोल रही हूँ... घर आ गए तो मम्मी तो पक्का यमराज से मीटिंग करवा ही देंगी।

इतने में पत्नी का एक और मैसेज आता है ।

पत्नी: तुम नहीं आओगे ना सीधी तरह... ठीक है मैं ही ऑफ़िस आती हूँ।

सुबोध: अरे मैं ऑफ़िस में हूँ ही नहीं, किसी क्लाइंट से इम्पोर्टेन्ट मीटिंग के लिए बाहर आया हुआ हूँ।

पत्नी: तो ये बताओ घर कब तक आओगे?

सुबोध: फ़्री होते ही आ जाऊँगा... पर बताओ तो हुआ क्या है?

पत्नी: ये काव्या कौन है?

सुबोध: कौन काव्या?

पत्नी: तुम बताओ कौन है काव्या?

सुबोध: मुझे क्या पता है कौन है काव्या।

पत्नी: ज़्यादा सीधे मत बनो... तुम्हें नहीं पता तो ये तुम्हें मेसेज कैसे कर रही है?

पत्नी एक स्क्रीनशॉट भेजती है।

स्क्रीनशॉट पर मेसेज:

काव्या: हाय... जान कैसे हो?

सुबोध: आप कौन?

काव्या: अरे मुझे नहीं पहचाना?

सुबोध: नहीं।

काव्या: अरे आपकी जान।

सुबोध: नाम बताइए।

काव्या: लो अब नाम भी बताना पड़ेगा... जान से नहीं समझे... और कितने लोग आपको जान कहते हैं?

सुबोध: नाम बता रही हैं आप या ब्लॉक करूँ?

काव्या: अरे रुकिए रुकिए... आई एम काव्या... याद आया कुछ... मेरे बुद्धुराम ?

सुबोध: मैं सच में नहीं जानता कौन है ये... रुको मैं अभी बात करता हूँ।

इतने में बेटी का मैसेज आता है ।

प्यारी बेटी: डैडी बात पता लग गई क्या है?

सुबोध: हाँ।

प्यारी बेटी: कौन है ये काव्या?

सुबोध: मुझे सच में नहीं पता।

प्यारी बेटी: पर आप अपना मोबाइल घर छोड़कर गए ही क्यों आज?

सुबोध: अरे तेरी मम्मी के फ़ोन में कोई प्रॉब्लम आ रही थी... दिखाना था इसलिए मैं अपना छोड़कर उसका ले आया।

प्यारी बेटी: ओहह... वैसे पापा ये काव्या है कैसी... सुंदर तो है?

सुबोध: पागल है क्या ...कैसी बातें कर रही है... मुझे जानती नहीं क्या?... मैं कभी ऐसा कर सकता हूँ?

प्यारी बेटी: जानती हूँ डैडी.. अच्छे से जानती हूँ.. तभी तो पूछ रही हूँ सुंदर तो है?.. मुझे तो लग रहा है आज एक निकली है, हो सकता है आने वाले टाइम में और भी निकल-निकल कर आएँ...

सुबोध: रुक जा मुझे घर आने दे तू बचेगी नहीं मेरे हाथ से...

प्यारी बेटी: घर आ गए तो खुद ही नहीं बचोगे...

मम्मी ने चिमटा, बेलन, झाड़ू... डंडा और गोश्त काटने वाली छुरी सब निकाल के रखे हैं। कह रही हैं अगर तेरे डैडी की कोई ग़लती नहीं हुई तो चिमटे और झाड़ू से मारूँगी, थोड़ी ग़लती हुई तो बेलन और डंडे से और ज़्यादा ग़लती हुई तो सीधा छुरी से गला काटूँगी...

सुबोध: ग़लती नहीं हुई तो क्यों मारेगी?

प्यारी बेटी: नंबर कैसे गया इधर-उधर, संभाल कर क्यों नहीं रखा?

सुबोध: तू कुछ नहीं कर सकती?

प्यारी बेटी: मैं पानी गरम कर सकती हूँ।

सुबोध: मतलब?

प्यारी बेटी: मतलब जब मम्मी मार-मार के आपको सुजा देंगी तो सिकाई करने के लिए गरम पानी की ज़रूरत पड़ेगी ना.. वो मैं कर दूँगी...

सुबोध काव्या को मेसेज करता है:

सुबोध: आप कौन?

काव्या: मैं काव्या, आप कौन हैं?

सुबोध: आई एम सुबोध... आपने मेरे दूसरे नंबर पर मेसेज किया था, वो मेरी वाइफ़ के पास है।

काव्या: ओहह.. सॉरी जान.. मुझे पता नहीं था कि वो नंबर आपकी वाइफ़ के पास है।

सुबोध: पर आप हैं कौन?

काव्या: अरे अभी तो बताया काव्या...

सुबोध: हाँ पर मैं तो किसी काव्या को नहीं जानता।

काव्या: ओ हो, आज नहीं जानते ना... पर अपने कॉलेज के दिन याद कीजिए.. जब आप जवान और मैं हसीन हुआ करती थी।

सुबोध: तुम काव्या शर्मा हो क्या..?

काव्या: जी अब समझे आप।

सुबोध: बी.टेक... इलेक्ट्रिकल स्ट्रीम।

काव्या: उम्म... हम्म, किसी को आज तक... इतने साल बाद भी सब कुछ याद है... इम्प्रेस्ड 

सुबोध: थैंक यू ...

सुबोध: पर आपने कॉलेज के टाइम पर तो कभी अपनी फ़ीलिंग्स ऐसे ज़ाहिर नहीं की?

काव्या: हाँ, वही तो मुझसे ग़लती हो गई ...

काव्या: काफ़ी टाइम से सोच रही थी पर आज हिम्मत करके मेसेज कर ही दिया.. जब जागो तब सवेरा।

सुबोध: वेल सेड...

इधर पत्नी गुस्से में मैसेज करती है

पत्नी: क्या हुआ बोलते क्यों नहीं ?

सुबोध: अरे रुक जाओ अभी मैं इस काव्या की (वह काव्या का नाम हटाकर लिखता है) मैं अभी इस झूठी... मक्कार औरत की क्लास लगा रहा हूँ।

पत्नी: तुम बात कर रहे हो उससे?

सुबोध: अरे बात नहीं.. झाड़ लगा रहा हूँ... इसकी हिम्मत कैसे हुई मुझे मेसेज करने की।

काव्या: मैंने बिना सोचे समझे आपको मेसेज किया, आपको बुरा तो नहीं लगा।

सुबोध: अरे नहीं नहीं, कैसी बातें की आपने... आपका हक़ है मुझ पर, जब चाहे मुझे मेसेज.. कॉल कर सकती हैं।

पत्नी: क्या बोल रही है वो?

सुबोध: बोलेगी क्या... माफ़ी मांग रही है, गिड़गिड़ा रही है... मैंने बोल दिया किसी शादीशुदा आदमी को इस तरह मेसेज करते शर्म नहीं आती.. तेरी एफ.आई.आर कराऊँगा.. डर से काँपने लगी...

पत्नी: छोड़ो एफ.आई.आर के चक्कर में मत पड़ो।

सुबोध: अरे ऐसे कैसे छोड़ूँ मेरी तो जान ही निकाल दी थी इस चुड़ैल ने।

पत्नी: तुम तो पक्का नहीं जानते ना इसे?

सुबोध: अरे सवाल ही नहीं उठता।

काव्या: आप मुझे इतने सालों में भूले तो नहीं?

सुबोध: (पहले 'अरे सवाल ही' टाइप करता है फिर बैकस्पेस से डिलीट करता है और पत्नी को भेजे गए अपने आखिरी मेसेज को कॉपी करके काव्या को पेस्ट करता है) अरे सवाल ही नहीं उठता।

काव्या: यू आर सो स्वीट।

सुबोध: जी... पर आपसे कम।

सुबोध: एक बात बताइए आपके हस्बैंड को हमारी चैट्स के बारे में पता लगेगा तो वो गुस्सा नहीं करेगा आप पर?

काव्या: हस्बैंड है ही नहीं।

सुबोध: मतलब?

काव्या: मतलब मैंने आज तक शादी ही नहीं की।

सुबोध: पर क्यों?

काव्या: ये समझ लीजिए कि आपका इंतज़ार कर रही थी।

सुबोध: सच्च्च्ह्ह्हीइइइइ

काव्या: मुच्च्छ्हीइइइइ

पत्नी फिर मैसेज करती है

पत्नी: घर कब तक आओगे?

सुबोध: आज काम बहुत है, लेट हो जाऊँगा।

पत्नी: कितना लेट?

इधर काव्य का मैसेज आता है

काव्या: काश मुझे पहले आपका नंबर मिल गया होता .. तो हो सकता है आज आपकी वाइफ़ की जगह मैं होती...

सुबोध पत्नी की चैट छोड़कर काव्या को जवाब देता है:

सुबोध: फ़िक्र मत करो काव्या मैंने तुमसे सच्चा प्यार किया है ...अगर आज भी तुम हाँ कर दो तो मैं तुम्हारे लिए सबकुछ छोड़ने को तैयार हूँ।

रिप्लाई ना मिलने पर पत्नी इरिटेट होते हुए मैसेज करती है

पत्नी: बोलते क्यों नहीं ...कितना लेट ???

सुबोध पत्नी के मेसेज को इग्नोर करता है।

काव्या: ओएमजी.... इतना प्यार करते हो मुझसे?

सुबोध: हम्म..

काव्या: देख लो बाद में मुकर तो नहीं जाओगे?

सुबोध: आज़मा कर देख लो।

काव्या: शादी करोगे मुझसे???

पत्नी: रिप्लाई क्यों नहीं करते????

सुबोध: कह दिया ना एक बार लेट हो जाऊँगा मतलब लेट हो जाऊँगा... जब देखो दिमाग़ ख़राब करती रहती है... जीना हराम कर रखा है... जा.. नहीं आता जो कर मिले कर ले।

काव्या: कोई रिप्लाई नहीं... मैंने कुछ ग़लत कह दिया क्या?

सुबोध: अरे नहीं नहीं।

काव्या: तो फिर बताइए क्या जवाब है आपका?

पत्नी: होश में तो हो... ये कैसे बात कर रहे हो... दिन में पी ली है क्या?

सुबोध: अब तो होश में आया हूँ मैं।

काव्या: क्या हुआ जवाब क्यों नहीं देते?

सुबोध: मेरा जवाब है हाँ... 100% हाँ... मैं शादी के लिए तैयार हूँ।

काव्या: तो कब करें फिर?

सुबोध: आज ही कर लेते हैं।

पत्नी: आओ आज तुम घर अच्छे से ख़बर लेती हूँ तुम्हारी...

सुबोध: अबे जा... अब घर आएगा ही कौन तेरे पास... मुझे मेरा खोया हुआ प्यार वापस मिल गया है... निकल ले अब तू।

पत्नी: ये क्या है?

सुबोध: लात मार रहा हूँ।

पत्नी: तुम्हारा प्यार कौन है ?? वो काव्या कमीनी

सुबोध: इज़्ज़त से नाम ले मेरी होने वाली पत्नी का.. समझी चुड़ैल।

पत्नी: देख लो बहुत पछताओगे मैं तुम्हें कोर्ट में घसीटूँगी।

सुबोध: हाँ हाँ और तुझसे उम्मीद भी क्या की जा सकती है... ज़िंदगी भर घर में लड़ती रही है अब कोर्ट में लड़ेगी ...पर कोई बात नहीं मैं तैयार हूँ क्योंकि इस बार तेरे ख़िलाफ़ लड़ने के लिए मेरे साथ मेरा प्यार होगा...

सुबोध काव्या को:

सुबोध: मैं तुम्हें कॉल कर रहा हूँ फ़ोन क्यों नहीं उठातीं।

पत्नी: मुझसे ग़लती हो गई मुझे माफ़ कर दो प्राणनाथ... मैं अब से हमेशा आपके चरणों में आपकी दासी बनके रहूँगी पर प्लीज़ मुझे इस उम्र में बेसहारा छोड़कर मत जाओ...

सुबोध: आहा... प्राणनाथ हो गया अब मैं... हमेशा नाथ के प्राणों के पीछे पड़ी रहती है कमीनी... और एक बात बता... क्यों ना जाऊँ... तुझसे ख़ून चूसवाने के लिए ना जाऊँ ??... अरे मैं तो कब से इंतज़ार कर रहा था कि तुझसे छुटकारा मिले आज भगवान ने मुझे दोबारा ज़िंदगी जीने का मौक़ा दिया है... बड़े इंतज़ार के बाद ये मौक़ा मिला है .. अब मैं इसे हाथ से जाने नहीं दूँगा।

सुबोध काव्या को:

सुबोध: मैं मंदिर पहुँच रहा हूँ तुम भी वहीं मिलो हम आज और अभी एक-दूसरे के साथ शादी के अटूट बंधन में बँध जाएँगे।

काव्या: अबे रुक जा भाईइइइ...

सुबोध: भाई ....मतलब ?????

काव्या: अबे मतलब मैं काव्या सिंह हूँ तेरे कॉलेज का दोस्त... काव्या शर्मा की तो कब की शादी हो गई, उसके 4 मोटे-मोटे बच्चे हैं, एक तो इतना मोटा है कि अगर उसे पता लग गया तू उसकी माँ पर नज़र रखता था और वो तेरे ऊपर बैठ गया तो तू कभी ज़िंदगी में उठ नहीं पाएगा...

तेरे शहर में पोस्टिंग मिली है ...सोचा तुझसे मिल लूँ कॉलेज ग्रुप से तेरा नंबर लिया तूने मुझे काव्या शर्मा समझ लिया सोचा तेरे थोड़े मज़े ले लूँ पर तू तो साले भरा बैठा है एकदम... मतलब पहले ही दिन सीधा शादी...

अब ये बता घर किधर है अपना? पूरा एड्रेस भेज मैं आता हूँ शाम को घर।

सुबोध: दिख मत जइयो मेरे घर के आस-पास... ये कन्फ़्यूजिंग नाम वालों का मेरे घर आना सख़्त मना है... पहले नाम चेंज कर और कोई ऐसा नाम रख जिसमें जेंडर की कन्फ़्यूज़न ना हो, धर्मपाल.. रामपाल.. रमेश.. सुरेश ऐसा कोई नाम रख, आधार कार्ड.. पैन कार्ड बनवा उस नाम से .. 100 रुपए का स्टैंप पेपर बनवा उस नाम से फिर मेरे घर आने की सोचना... ऐसे आ गया तो कुत्ते छोड़ दूँगा तेरे ऊपर कमीने...

काव्या: चिल्ला ले भाई.. तेरा बनता है...

सुबोध पत्नी को:

सुबोध: ठीक है मैं नहीं जाऊँगा उसके पास, घर आ जाऊँगा... पर वादा करो अब से कभी मुझे परेशान नहीं करोगी।

पत्नी: बिल्कुल परेशान नहीं करूँगी प्राणनाथ।

सुबोध: कभी मुझसे ऊँची आवाज़ में बात नहीं करूँगी।

पत्नी: बिल्कुल नहीं करूँगी... आप कहेंगे तो नीची आवाज़ में भी नहीं करूँगी.. जब तक आप मुझे बोलने को नहीं कहेंगे मैं अपना मुँह बंद ही रखूँगी बस आप घर वापस आ जाओ...

सुबोध: ठीक है ठीक है... आ जाऊँगा... मुझे भूख लगी है खाना तैयार रखना ...आते ही खाना खाऊँगा।

पत्नी: ठीक है प्राणनाथ... क्या बनाकर रखूँ खाने में?

सुबोध: बिरयानी बना लो।

पत्नी: ठीक है प्राणनाथ।

इतने बेटी का मैसेज आता है ।

प्यारी बेटी: डैडी मम्मी की बातों में मत आ जाना वो आपको घर बुलाने के लिए भोले बनने का नाटक कर रही है... दोनों बड़ी वाली छुरियों पर धार लगाए दरवाज़े के बाहर ही बैठी है आपके इंतज़ार में.. अगर आज आप घर आ गए तो रात को बिरयानी आपके गोश्त की ही बनेगी।

सुबोध दोस्त काव्या को मेसेज करता है:

सुबोध: तेरा पूरा एड्रेस भेज।

काव्या: मेरा एड्रेस ???.... क्यों भाई।

सुबोध: घर नहीं जा सकता, बीवी... छुरियों पर धार लगाए घर के गेट पे मेरा इंतज़ार कर रही है।

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