भीना-भीना रस प्रेम में, ओ पिया'
मन डुबा है ऐसे, मोहे चैन आए ना'
निरखता ही रहूं, पलकें झुकाये बिना'
आओ अटरियां, तुम बिन रहा जाये ना।।
बन मतवाला मन, बनाने लगा सपने'
तू ही तो मेरे पिया, इक लगते हो अपने'
चैन आये ना, सजना नैना तोसे मिलाये बिना'
बाली रे मेरी उमड़, तुम बिन रहा जाये ना।।
दिल के झरोखे से, निहारा करूं तुझको'
प्रेम के घरौंदे, अब तो दिल में बनाने लगा हूं'
अपना बना लूं तुझे, इक पल बिताये बिना'
तिरछी नजरिया से देख ले, तुम बिन रहा जाये ना।।
चलने को मन मेरा, चाहत के सफर पे'
प्रेम रंग खिली वादियों में बनाऊँ आशियाना'
बनाऊँ जो सपने, रह नहीं पाऊँ बताये बिना'
सुन लेना मेरे हम-सफर, तुम बिन रहा जाये ना।।
भीनी-भीनी सुगंध से लिपटा हुआ प्रेम रस'
अजी हां, मेरे बलमा अंग-अंग भीग जाऊँ'
हौले-हौले पिया तू हो ले मेरा, देरी लगाये बिना'
तेरी नजर-मेरी नजर मिले, तुम बिन रहा जाये ना।।
प्रेम के पगडंडियों पर चल पड़ा हूं, संग चाहूं'
आओ अटरियां मेरे, मिलाये नैना-चैन मिले'
तेरे अलकों की लटें निहारता ही रहूं, हटाये बिना'
हुआ प्रेम का गहरा असर, तुम बिन रहा जाये ना।।