चरण वंदना अहां के भवानी,
मैया हे, अहां केर सिंह सवारी,
धैने खपर मैया हाथ कालिका,,
अहां छी करुणा मई जग महतारी।।
मैया हे कहू, अहां वरदानी छी,
ममता के मूरत जग कल्याणी छी,
दुष्टन के संग कैने छी रण-घोर चंडिका,
रण में असुरन स युद्ध कैने छी भारी।।
दैत्यन के खातिर अहां केतना रुप धरई छी,
करुणा मई हे माता दैत्यन संहार करई छी,
पहनने छी कंठ में अहां माल-मुडिका,
रण में हुंकार भरई छी क के सिंह सवारी।।
चरण वंदना अहां के मैया शेरा वाली,
संतन के प्रतिपालक हे अष्ट-भुजाओं वाली,
विनती हमर अब सुनु भवानी सिर-खंडिका,
महरानी हे, अहां विपदा हरु अब सारी।।
चरण वंदना अहां के, हम शरणागत छी,
राखु अब त चरण-शरण, हम अभ्यागत छी,
अहां के कर-कमलन के शोभा अइछ डंडिका,
सुनु विनती हे मां, हमरो छी अहां महतारी।।
जानइ छी-मानइ छी, ममता अहां करई छी,
दई छी वरदान अमोघ, खाली झोली भरई छी,
स्याह-वरण अहां के ममता मई हे श्यामा,
शरणागत छी, विनती सुनियउ मात-हमारी।।