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गाओगे, जीवन के गीत मेरे संग?
आनंद के स्वर करोगे किलोल,
गुनगुनाओगे मीठे-मीठे से बोल,
गाओगे संग में, जीवन के रंग में,
निज भाव में, उठते हुए उमंग में,
भीगोगे, बोलो तो जीवन के रंग?
नाचोगे, संग-संग मेरे कदम-ताल में?
द्वंद्व से अलग होंठों पे मुस्कराते हुए,
भावना के लहर पे हिचकोले खाते हुए,
जीवन के संग कदम मिलाते हुए,
तुम झूमोगे जो बोलो, मेरे संग में,
भीगोगे, बोलो तो जीवन के रंग?
चलोगे, मेरे संग-संग जीवन डगर पे?
झूठी तनहाई को बहुत पीछे छोड़ कर,
वेदनाओं के बंधनों को भी तोड़ कर,
आगे-बस आगे संग मेरे दौड़ कर,
जीना सीख लोगे अब तुम सही ढ़ंग में,
भीगोगे, बोलो तो जीवन के रंग?
छोड़ोगे, बोलो बीती बातों के सिलसिले?
बीती रात का जो था स्याह घना अंधेरा,
रुसवाइयां जो बीत चुका हैं हर बात का,
भुलाकर चलोगे अब, हुआ हैं जो सबेरा,
चलोगे इठलाते हुए अब नूतन तरंग में,
भीगोगे, बोलो तो जीवन के रंग?
तुम मुस्करा कर, खुशियों के गीत गाकर,
उम्मीदों के ताने-बाने बुनने अब लगोगे,
सुकोमल से भाव में जीवन की सुनने लगोगे,
इच्छाओं के बल नए घरौंदे चुनने लगोगे,
सीखोगे हौसलों के संग, जीओगे ढ़ंग में
भीगोगे, बोलो तो जीवन के रंग?