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जब से मिली ये नजर तुमसे, हम सफर,
हुआ हैं मुझ पे, चाहतों का गहरा असर'
तुम बिन पिया, कही पे जिया लागे नहीं,
लगे नैना मेरे, कब से सोये नहीं- जागे नहीं।।
वादे जो तुमने किए थे, चलेंगे संग-संग,
प्रेम के डगर पे, कदम से कदम मिलाते हुए,
हम तेरे पिया-तुम मेरे पिया, चलेंगे संग,
जीवन के रंग में रंगे, रस्मों को निभाते हुए।।
तेरे चाहतों का रंग में, लिपटा हुआ हूं साजना,
दिल के कैनवास पे छवि तेरी जो बनाई हैं,
जगाई हैं दिल में हसरतें, तुम मेरे रहो पिया,
चाहूं बस तुम्हें, दूजा कोई दिल को भावे नहीं।।
तुम साजना, ख्वाबों में बस चुके हो मेरे,
सजाई हैं मैंने संग जीने के लिये कई सपने'
तुम संग चलता हूं डगर प्रेम के, ओ रे पिया'
तुम सांसों में घुल चुके हो, तुम लगे हो अपने।।
बाजीगरी जो सीखी हैं तुमने, दिल चुराने की,
चुरा लिया तूने मुझको पिया, नैना लड़ाते हुए,
आहिस्ता-आहिस्ता तेरी यादें ले रहा करवटें,
मैं तुम सा ही हो गया सनम, तुमको बताते हुए।।
तुम आ जाना पिया, मिल जाये राहत मुझे,
सपनों में भी तेरे कदमों की ही आती आहटें,
तेरे बिना कोई और ना, चाहूं पिया हम सफर,
दिल मेरा नादान हैं, तुम बिन दूजा मांगे नहीं।।