मन भाये जो पिया' रंग डारो रसिया'
नैनन कटार है थारो' कारो-कारो रसिया'
रस बरसे फुहार फागुन को मतवारो रसिया'
दिल में उठे है चुभन, तू है हमारो रसिया।।
आयो मधु फाग' लिये उमंग रंग खेलो'
डारो गुलाल लाल-लाल, अबीर झोली'
अब के खिले पिया प्रेम रंग, आई होली'
हम दो बन जाये मतवाले, तू प्यारो रसिया।।
अब की होली रंग-रंग के रिमझिम पड़े फुहार'
तू चंचल, नैना तेरे चंचल, दूजे लट्ठन की मार'
ले पिचकारी रंग भरे, गलियन में खेलवे आयो होली'
अल्हड़ सा लिए उमंग बसंत, बने मतवारो रसिया।।
इक तो ले आओ प्यारे पिया' कनक पिचकारी'
होली के रंग खिले, अंग-अंग रंग डारो पिया'
अबीर गुलाल ले लाल, गाल मल डारो पिया'
आए गयो फाग' कर दे नैनन के इशारों रसिया।।
अब के होली प्रीति लिये, हम प्रेम रंग में झूमें'
आ जाना पिया अटरियां मेरे, नैना तुम्हें ही ढूंढे'
प्रेम गली में फाग मचाये, बन थारो हम घूमें'
इक तो प्रेम, दूजे फाग' गजब को नजारों रसिया।।
ओ रे पिया' मन भाये जो रंग डारो चटकीला'
मधुर सुगंध में भीगो, अधिक गाढा-अति पीला'
आयो फाग मन झूमें, पिया ढोल दो प्रेम पतीला'
नैनन से कर इजहार' अब के मोहे पुकारो रसिया।।