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मन, जानूं रे पिया इतना,
रह न सकूं अब तुम बिन,
तेरे बिता कटती नहीं रातें,
सजना, तेरे बिना कटे नहीं दिन,
प्रेम गली में चलूं तेरे संग में,
पिया, संग-संग रंगूं प्रीति के रंग।।
रातों को तारें गिनता रहूं, तुम आए ना,
चैन खोया है, नैना लगी तुमसे,
ना जागूं पिया, ना ही सोया रहूं,
बैठा हूं अटरियां पे, तुम आए ना,
अब तो झूमूं तेरे ही तरंग में,
पिया, संग-संग रंगूँ प्रीति के रंग।।
ओ रे भोले बलमा, समझो जरा,
तुम बिन घिरे हुए उदासी के बादल,
तुम्हारे बिना बेचैनी छाये पल-पल,
सच कहूं, तेरे बिना दिल में है हलचल,
तुम्हारे संग ख्वाब में झूमूं उमंग में,
पिया, संग-संग रंगूँ प्रीति के रंग।।
अजी हां, सच कहूं तुम बिन चैन ना,
बनी हुई हो तुम हमारे लिये साजना,
तुम आए ना जो, जगी विरह वेदना,
भोले पिया मेरे, मुझ से नजर फेर ना,
तुम आए नहीं जो, हो रहा तंग मैं,
पिया, संग-संग रंगूँ प्रीति के रंग।।
मन जानता हूं, पिया तुम्ही मेरे अपने,
तेरी चाहतों में सजाये हैं कई सपने,
जगी आशाएँ प्रेम की, नाम तेरा जपूं,
छुपा के रखूं साजना, तोहे पलक में,
बिताऊँ सारी खुशियां, जज्बातों के संग में,
पिया, संग-संग रंगूँ प्रीति के रंग में।।