युवा मन, चाहे क्षितिज पर भरना तीव्र उड़ान,
जीवन की लहरों पर होना हैं उसे गतिमान,
मौलिक भी हो, महताओं से सार्थक भी हो,
चिन्हिंत लक्ष्यों का करता वह प्रति दिन संधान।।
अडिग बन अपने निर्धारित कर्तव्यों के प्रति,
सहज-शांत हो पथ पर अपना कदम बढ़ाए,
विषयों का विश्लेषण कर सही अनुमान लगाए,
और सत्य-वाणी को कह करें जीवन का सम्मान।।
युवा मन, मन में अभिलाषाओं के स्वर्णिम रंग भरे,
अडिग भाव से चले पथ पर भय से बिना डरे,
दूर-दृष्टि रखता होते हुए घटित घटनाओं के प्रति,
जीवन के प्रति पूर्ण समर्पण का रखकर ज्ञान।।
युवा मन, हलचल से विचलित तनिक न होता,
सुख-सुविधा के आंचल में वह नहीं चैन से सोता,
करता हैं कर्तव्य समय से, बातों को नहीं विगोता,
अपने लिए निर्धारित नियमों से रहता नहीं अंजान।।
युवा मन, निर्भीक, निडर और साहसी बनकर,
श्रेष्ठ जनों से आदर, सहपाठी का साथ निभाता हैं,
जीवन का अनुगामी बनकर नव-गीत को गाता हैं,
उत्कर्ष करता हैं मानवता का प्रण को मन में ठान।।