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ममता और उसके दोस्तों के बीच चर्चा चल रही थी। कि क्यों ना हम लोग...अपने जिले के प्रत्येक गांव में जा कर गरीब परिवारों की मदद करें। उन्हें खाना बाटा जाए। विचार तो अच्छे हैं। कल से ही क्यों न इसका प्रारम्भ किया जाए। दूसरे दिन ममता अपने दोस्तों के साथ गरीब लोगों की मदद के लिए एक गांव मे आई । सभी लोग लाइन में लगे अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे।

ममता की नजर अचानक एक मासूम से बच्चे पर पड़ी। उसका मासूम सा चेहरा, उसका साँवला सा रंग भा गया। ममता का ध्यान बार बार उसी कि ओर जा रहा था। सभी एक ही लाइन मे खडे थे, लेकिन वह बच्चा लाइन से बहुत दूर खडा था। उसके पैरों में भी चप्पल नही   थी। उसे धूप लग रही होगी। इसीलिए वो पेड़ की छाया में खडा होगा। (ममता, ये सब सोच रही थी।) ममता ने सोचा उससे. जाकर बात करू।

अब चार लोगों के बाद उसी का ही तो नम्बर आएगा। तब बात कर लूगी। (ममता सोचते हुए, दबीं सी मुस्कान से उसकी ओर देखती है।) नहीं अभी ही उसे खाना दे देती हूं। उसका चेहरा देख के लग रहा है कि उसनें कई दिनों से खाना नही खाया है। ऐसा सोचते ममता, उस बच्चे के पास गई। इधर आ बेटा और तेरी थाली भी ला। वह बच्चा अपनी थाली देता है। और ममता उसे भोजन दे देती है।

सभी लोग ममता की ओर हैरानी से देखने लगें। और सभी लोग दूर हट गए। कुछ लोग बोल पड़े... ऐ क्या किया मैडम आपने। ममता हैरान थी, मैंने ऐसा क्या कर दिया। कहीं इस बच्चे को कोरोना तो नही... इसीलिए शायद ये लोग इस बच्चे से दूर हट रहे हैं (ममता सोचते हुए।) ममता ने तुरंत डॉक्टर को सम्पर्क किया। डॉक्टर ने उस बच्चे के साथ उसके परिवार वालों की भी जाँच की। ममता जी इन मे से किसी को भी कोई महामारी नही है। आपको ऐसे क्यों लगा कि इस बच्चे को कोरोना है। ऐ सभी लोग इस बच्चे से दूर हट रहे थे तो मैंने सोचा.... डॉक्टर उन सभी लोगो कि ओर देखने लगे। उन सभी लोगों के सिर झूके हुए थे। डॉक्टर उन सभी लोगों के झूके हुए सिर देखकर सब कुछ समझ गए थे।

अरे! मैडम इस बीमारी का कोई ईलाज नहीं है।

ममता.... मतलब... मैं समझीं नहीं... डॉक्टर साहेब।

 ऐ एक सामाजिक बीमारी है... ममता जी जो आज भी कायम है, और जाति के नाम पर आज भी लोगों मे भेदभाव की चादर ओढ़े है। कई बीमारियाँ भी निकलेगी और उन बीमारियों का ईलाज भी होगा। लेकिन इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है। ये तो सदीयों से चली आ रही है। लेकिन अब तक इस बीमारी का इलाज नहीं निकला है। ममता अब सब कुछ समझ चुकी थी। और उसकी आँखें नम थी।

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