ब्राज़ील के अमेजन की जंगलों में आग लगने की संख्या में जुलाई महीने में पिछले साल की तुलना में वृद्धि हुई है. अमेजन की वर्षावन में आग लगने की संख्या को लेकर ब्राज़ील की इंपे यानी अंतरिक्ष अनुसंधान एजेंसी ने एक रिपोर्ट जारी की. इस रिपोर्ट के मुताबिक़ इस साल जुलाई महीने में पिछले साल की तुलना में 28 फ़ीसदी की वृद्धि हुई है.
रिपोर्ट में आगे कहा गया कि पिछले साल आई दुनिया के सबसे बढ़े विनाश का इस साल भी दोहराव हो सकता है.
ब्राजील की अंतरिक्ष अनुसंधान एजेंसी इंपे के मुताबिक़ जुलाई महीने अमेज़न में 6,803 बार आग लगी, इसकी तुलना में पिछले साल जुलाई 2019 में 5,318 बार आग लगी थी.
यह आंकड़ा पिछले तीन साल के जुलाई महीने की तुलना में सबसे ज़्यादा है. वहीं, अगस्त 2019 में 30,900 बार आग लगने का आंकड़ा दर्ज किया गया था.
दक्षिणी अमेजन से सटा दुनिया का सबसे बड़े वेटलैंड पेंटानल में भी आग लगने की घटनाएं बढ़ रही हैं. आईएनपीई के आंकड़ों के मुताबिक़ इस साल के जुलाई महीने में, साल 1998 की तुलना में 1,684 बार अधिक आग लगने की घटनाएं घटी हैं.
अमेजन के जंगलों को 'लंग्स ऑफ द प्लेनेट' यानी 'दुनियां का फेफड़ा' कहते हैं. दुनिया भर की 20 फीसदी ऑक्सीजन अमेजन के जंगलों से मिलती है. ब्राजील में अमेजन के 60 प्रतिशत जंगल हैं.
इस रिपोर्ट को देखने के बाद पर्यावरण समूहों का कहना है कि इस महीने के अंतिम दिनों में तेज उछाल आने के साथ चिंताजनक संकेत मिल सकते हैं.
पर्यावरण समूह ग्रीनपीस ब्रासील के मुताबिक़ 30 जुलाई को 1,000 से अधिक जगहों पर आग लगीं, जो 2005 के बाद से जुलाई में एक दिन में आग लगने की सबसे अधिक संख्या है.
ब्राजील के अमेज़ॅन एनवायरनमेंटल रिसर्च इंस्टीट्यूट (आईपीएएम) के विज्ञान निदेशक एएन एलेनकर ने कहते हैं “यह एक भयानक संकेत है. अगस्त हमारे लिए एक कठिन महीना होगा और सितंबर महीना और भी बदतर हो सकता है.”
पर्यावरण की वकालत करने वाले लोगों ने जंगल में आग लगने का कारण आर्थिक विकास की दृष्टिकोण के साथ जंगल को नष्ट करने के लिए अवैध खनन को बताया है. उनके मुताबिक़ इसके लिए दक्षिणपंथी राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो दोषी हैं.
अपने बचाव में बोल्सोनारो ने कहा कि इस क्षेत्र को गरीबी से बाहर निकालने के लिए संरक्षित भंडार में खनन और खेती शुरू करने की गई. देशहित में कार्य किया गया है.
इसके अलावा इस साल, ब्राज़ील के राष्ट्रपति ने वनों की कटाई और जंगल की आग का मुकाबला करने के लिए मई से नवंबर तक एक सैन्य तैनाती को अधिकृत किया. उन्होंने इस क्षेत्र में किसी भी तरह की 120 दिनों के लिए आग जलाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है.
जंगलों में लगी आग अगर नहीं रोकी गई तो इससे दुनिया भर के लोग प्रभावित होंगे. इसका असर हमारे पर्यावरण पर पड़ रहा है. आगे चलकर पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन होगा. दुनिया में ग्लोबल वॉर्मिंग से लड़ने में अमेजन का खास महत्व है.
अमेजन जैसे समृद्ध जंगलों के विनाश से ग्लोबल वॉर्मिंग की रफ्तार निश्चित रूप से बढ़ेगी. अमेजन जैसा विशाल कार्बन सिंक नष्ट होगा, तो समुद्र का तापमान तेजी से बढ़ सकता है और चक्रवाती तूफानों का खतरा बढ़ेगा.
2019 में ब्राज़ील सरकार ने अस्थायी नीतियां बनाईं. इसके चलते आग पर नक़ल नहीं कसा जा सका. अगस्त में अमेजन में आग लगने के बाद वैश्विक आक्रोश भड़का था.
गैर-सरकारी संगठन अमेजन कंज़र्वेशन फायर ट्रैकिंग प्रोजेक्ट का नेतृत्व कर रहा है. इस संगठन का कहना है कि इन्होंने 30 जुलाई तक आग पर नज़र रखी थी. लेकिन आग पर क़ाबू 15 जुलाई के बाद ही किया जा सका.
आगे कहते हैं “ बड़ी मात्रा में आग लगती हैं. धुएं में एरोसोल की मात्रा बहुत अधिक होती है. यह बायोमास की बड़ी मात्रा में जलने का संकेत देता है. वनों की कटाई वाले क्षेत्रों में आग का प्रभाव अधिक मात्रा में देखने को मिला.”
अमेजन में प्राकृतिक आग बहुत दुर्लभ हैं और अप्राकृतिक आग उससे भी ज़्यादा दुर्लभ. जंगल में रहने वाले लोग और बाहरी लोग पहले मूल्यवान वनों को काट लेते हैं, फिर खेती के ज़मीन साफ़ करने और उर्वरता बढ़ाने के लिए आग लगा देते हैं.
अमेजन के वनों की कटाई 2019 में 11 साल की ऊंचाई पर पहुंच गई. 2020 की पहली छमाही में 25% की बढ़ोतरी हुई है.
इस महीने की शुरुआत में, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के वैज्ञानिकों ने कहा कि 2020 में उष्णकटिबंधीय उत्तरी अटलांटिक महासागर में उच्च सतह के तापमान दक्षिणी अमेजन से नमी को आकर्षित कर रहे हैं. इससे पता चलता है कि महासागर की उच्च सतह भी इस जंगल से नमी प्राप्त करते हैं.
इसका नतीजा ख़तरनाक होता है. दक्षिणी अमेजन का परिदृश्य शुष्क और ज्वलनशील हो जाता है. जिससे कृषि और भूमि के लिए उपयोग की जाने वाली आग से जंगल में आग फैलने की संभावना बढ़ जाती है.
अमेजन वर्षावन जलवायु वार्मिंग के खिलाफ एक महत्वपूर्ण बचाव है क्योंकि यह ग्रीनहाउस गैसों को अवशोषित करता है. इसलिए अमेजन वर्षावन की सुरक्षा करना ज़रूरी है.