चीन ने जहां एक ओर पूरी दुनिया को कोरोना वायरस दिया, तो वहीं दूसरी तरफ़ भारत से सीमा विवाद को लेकर रिश्तों में खटास पैदा कर दिया है. चीन के इस रवैए के चलते भारत ने पहले चीन के 59 ऐप्स प्रतिबंध लगाया. इसके साथ ही आयात शुल्क भी बढ़ा दिया है.

अब भारत आत्मनिर्भर होनी की बात कर रहा है. आयात की जगह देश में उत्पादन पर ज़ोर देने की बात हो रही है. लेकिन कहीं न कहीं भारत चीन की आड़ में, दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों से होने वाले आयात पर भी रोक लगाने के लिए आयात शुल्क बढ़ा दिया है.

भारत सिर्फ ज़रूरी चीज़ों का ही आयात रहा है, जबकि भारत ने इन देशों के साथ मुक्त व्यापार संधि पर हस्ताक्षर किया है.

तो सवाल उठता है कि भारत के इस रवैए से क्या दक्षिण पूर्वी एशियाई देश चीन की ओर रूख करेंगे? enter image description here

इस पर भारतीय अधिकारियों के मुताबिक़ भारत आयात की गुणवत्ता मानकों को बढ़ाने, मात्रा प्रतिबंधों को लागू करने और कड़े प्रकटीकरण मानदंडों को लागू करने करने जा रहा है.

आगे कहते हैं “ भारत कई एशियाई देशों से आने वाले सामानों के लिए भारतीय बंदरगाहों पर अधिक जांच शुरू करने की योजना बना रहा है.

अधिकारियों ने कहा कि मुख्य रूप से धातुओं, लैपटॉप और मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक सामान, फर्नीचर, चमड़े के सामान, खिलौने, रबर, कपड़ा, एयर कंडीशनर और टीवी के लिए अन्य उपकरणों के आयात पर विशेष ध्यान देंगे. आयात शुल्क भी बढ़ाया जा सकता है.

पिछले हफ्ते ही भारत के वाणिज्य मंत्रालय ने एक विशेष लाइसेंस प्राप्त करने के लिए आयातकों की आवश्यकता अनुसार टीवी के इनबाउंड शिपमेंट को प्रतिबंधित करने के लिए एक नोटिस जारी किया.

इस कदम से मुख्य रूप से मलेशिया, थाईलैंड, वियतनाम और सिंगापुर को नुकसान होने की आशंका है. एसोसिएशन ऑफ साउथईस्ट एशियन नेशंस (आसियान) के सदस्यों के साथ भारत ने मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) किया है. enter image description here

भारत दक्षिण कोरिया से होने वाले भारी व्यापार प्रवाह को लेकर भी भारत चिंतित है. अब भारत इस कोशिश में लगा है कि ज़्यादा से ज़्यादा चीज़ों का देश में ही उत्पादन हो.

अधिकारियों ने बताया कि कर्तव्यों का पालन करने का एक सीमित प्रभाव पड़ता है. अब हम गुणवत्ता मानकों को बढ़ाना चाहते हैं और यह भी सुनिश्चित करते हैं कि एफटीए के ज़रिए आने वाले माल की उन देशों में जड़ें हैं. लेकिन सबसे पहले देश का हित ज़रूरी है. इसलिए सीमा शुल्क पहले की तुलना में अधिक सतर्क होगा.

लेकिन सीमा शुक्ल बढ़ाने की बात का भारतीय वाणिज्य मंत्रालय की तरफ़ से कोई अधिकारिक बयान अबतक नहीं आया है.

इस पर एक अधिकारी ने कहा कि सरकार 20% से 40% के वर्तमान स्तर से उन देशों से आयात किए जाने वाले उत्पादों के लिए शुल्क वृद्धि की जा सकती है. इसमें मुक्त व्यापार समझौते के देश भी शामिल किए जा सकते हैं. अगर ऐसा हुआ तो एफ़टीए देशों के लिए व्यापारिक संकट के बदल चाहेंगे. ऐसे में वे चीन का रूख कर सकते हैं.

लेकिन इन देशों का अमेरिका के साथ अच्छे संबंध हैं. ऐसे समय जब अमेरिका-चीन के बीच व्यापारिक प्रतिस्पर्धा चालू है, ये देश चीन की ओर देखेंगे, यह इतनी जल्दी कह देना मुश्किल होगा.

बहुत सारे एशियाई देश चीन के साझीदार बन गए हैं, जहां से सिर्फ चीनी सामानों को ही भेजा जाता है. अधिकारी ने कहा, 'हम विभिन्न प्रकार की कार्रवाई के लिए उत्पाद तैयार कर रहे हैं, जिनमें से अधिकांश गैर-टैरिफ लाइनों पर होंगे. प्रतिस्पर्धा पर ज़ोर दिया जाएगा. भारतीय उत्पाद के निर्यात पर ज़ोर दिया जाएगा.

हालांकि थाईलैंड और मलेशिया ने बताया कि गैर-टैरिफ बाधाओं को बढ़ाने या सामानों के पुन: मार्ग के मुद्दों पर कोई आधिकारिक बयान अबतक भारत की तरफ़ से नहीं दिया गया है.

भारत-चीन रिश्तों की बात करें तो भारत का चीन के साथ लंबे समय से असहज संबंध रहा है. दशकों से हिमालय सीमा विवाद सबसे खराब स्थिति में रहा. इसी विवाद के चलते भारत-चीन के सिपाहियों के बीच हाथापाई भी हो चुकी है. इसके चलते कई सिपाही भी शाहिद हो गए.

मार्च 2019 में समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष में 87 बिलियन डॉलर के व्यापार के साथ चीन, भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है. भारत को बीते साल चीन से $ 53.57 बिलियन का व्यापारिक घाटा हुआ है.

इस विषय पर थाईलैंड ने कहा कि आसियान संधि की समीक्षा की जानी चाहिए. टैरिफ उदारीकरण और उत्पत्ति के नियमों के अधिक उदार बनाना चाहिए. सरल रीति-रिवाजों और सत्यापन प्रक्रियाओं का पालन किया जाना चाहिए. योजना ऐसी हो कि किसी भी देश का व्यापारिक घाटा कम-से-कम हो. और उन्हें उम्मीद है कि भारत कभी भी उनके साथ अनुचित व्यवहार नहीं करेगा.

इस पर, भारतीय अधिकारियों ने कहा कि सरकार केवल उन एफटीए से चिपकी हुई है जिससे पारस्परिक रूप से भारत को लाभ हो रहा है. भारत के साथ एफटीए पर हस्ताक्षर किए गए अधिकांश देशों के साथ भारत को व्यापािक घाटा हो रहा है.

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