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कहते है इंसान के जीवन में उसके रिश्ते काफी हद तक महत्वपूर्ण होते हैं । रिश्ते अगर ना होते तो आज लोग संबंधो से जुड़े ना होते । कोई किसी का ना पिता होता ना कोई किसी की माँ होती ,ना कोई किसी का भाई होता ना कोई किसी की बहन होती, ना अध्यापक बच्चों को पढ़ा रहा होता,ऐसे कई सारे रिश्ते जो बिना जोड़े ही जुड़ जाते हैं। कहने को तो दुनिया भर में सबसे रिश्ता और नाता जुड़ जाता हैं लेकिन अपनो का अहसास दिल ग्वाही के साथ बताता हैं। खून के रिश्ते और नाते से जुड़े लोग हर किसी के भाग्य में नहीं होते। हर बार जब पूरा परिवार इकठ्ठा होता हैं तो ख़ुशी का अनुभव होता हैं कि आज मेरा पूरा परिवार एक साथ समय बिता रहा हैं कुछ पल ही सही कम -से- कम वक्त तो निकाला। कुछ मीठी सी बातें होती हैं, तो कुछ ज़ज्बात बयाँ होते हैं, कुछ हंसी ठिठोली तो कुछ ऐसे बातें जो रोज़ नहीं कहीं जा सकती। इन सबके बीच ख़ुशी का अनुभव और भरा पूरा परिवार पाने का सोभाग्य काफी होता हैं। 

समय के साथ - साथ बहुत कुछ बदल रहा है यही सोचते -सोचते कई ख़्वाब उमर आते हैं मन में व्यक्त करने का मन करता हैं सबके सामने ।कुछ पल बीत जाने के बाद बातों ही बातों में पुरानी बातें भी सामने आना शुरू हो ही जाती हैं ।पुरानी बातों का घमासान फिर ऐसे बाहर आना शुरू होता है जो खुशियों को फिर निगलना चाहता हैं।यही सोचते ही रह जाते हैं की जिसका डर अक्सर सताता हैं वही होने लगता हैं।पुरानी बातें फिर परिवार के बीच दीवार बनकर आती हैं और फिर से सब रिश्तों को समझौता करने को कहती हैं।कहने को तो हर घर में ऐसा होता ही हैं की पुरानी बातें मन को परेशान कर रिश्तों में दूरी ला देती हैं । बेसक! हर कोई नहीं समझ सकता हर किसी को क्यूँकि दुनिया के रचनाकार ने सबको एक सा नहींं बनाया इसलिए दुनिया रंगबिरंगी हैं। हर किसी का दर्द हर कोई नहीं समझ सकता लेकिन जो उस दर्द से ज्ञात हो वो दर्द कम जरूर कर सकता हैं कहते हैं जो खुद टूटा हो वो दूसरों को सम्हलकर रहने की सलाह देता हैं जैसे बड़े बूढ़े अपनी जिन्दगी के किस्से सुनाते हैं तो आजकल के लोग अपनी जिन्दगी में मग्न रहना चाहते हैं। 

हम यह नहीं कहते की खुदकी जिन्दगी जीओ मत लेकिन दूसरों को भूलो भी मत ।जो लोग कहते हैं रखा क्या है रिश्तों में वो उनसे इसका मतलब पूछें जिनके रिश्ते ही नहीं होते ,आते तो हैं दुनिया में लेकिन दुनिया देख पाये ऐसा नसीब नहीं होता।कुछ अपने रिश्तों को निभाना चाहते है तो कुछ उनसे ही दूर भागते हैं।कहते है इंसान आता तो अकेले है और जाता भी अकेले हैं लेकिन देखो तो जब नई जिन्दगी मिलती है तो लोग मुँह मीठा कराते है और जब जिन्दगी से साथ छूटता तब भी मुँह मीठा कराते हैं क्यों क्यूँकि आते वक्त नए रिश्तों में वो बाँध दिया जाता है और जाते वक्त उन्हीं रिश्तों से अलविदा ले जाता है। किससा सबका अलग - अलग हैं सुनने में क्या रखा हैं मकसद तो बस इनका महत्व बताने का है। रिश्ते बड़े अनमोल हैं निभाओ तो ज़न्नत की तरह जिन्दगी लगती है और जब साथ छोड़ो तो कमी खलती हैं।।

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