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यादों की झंकार ,
मानो मन में हो हलचल बारम्बार|
जो पल बीत गया,
मानो मन में वो गीत बनके बस गया|
यादों का तरन्नुम है कैसा?
आने वाले वक़्त की तस्वीर बन जाती हैं ,
बहते हुए वर्तमान की तकदीर बन जाती हैं|
यादें तो जड़ हैं,
पर हृदय में उसकी कोपलें प्रस्फुटित हैं|
हृदय की खिलावट हैं,
तो अश्रुओं का सैलाब भी हैं|
यादों में अक्सर हम खुद को ढूंढा करते हैं ,
और अपनों की छवि हम दर्पण में देखा करते हैं|
उलझे हुए रिश्ते हैं अब,
यादें इस दीदार में आखिर ये सुलझेंगे कब|
यादें भी होती बड़ी जिद्दी हैं,
बार-बार दस्तक बड़ी ज़ोरों से दिया करती हैं|
जब तक ध्यान ना दोगे,
ज़ाहिर सी बात हैं बैचैन तो रहोगे|
हुआ क्या हैं हुआ क्या हैं?
यादों के अलावा किसीको पता ना हैं|
यादों का तराना भी तो देखो,
अक्सर तोहफा बनकर नज़राना लाती हैं|
जब भी नज़र में आती हैं,
बीते हुए लम्हों को जीवंत कर जाती हैं|
अनकही कुछ कश्ती हैं,
यादों की ऐसी बस्ती हैं|
ना जाने कितनी गहरी इसकी भूमि हैं,
छूना चाहो तो छूलो पर असीम इसकी धुरी हैं|
शांति की तलाश में दर-दर,
भटकोगे इधर उधर|
शांत होक जब बैठोगे,
तो यादों के कोलाहल से ही जा टकराओगे|
बातों की जैसे साजिश हैं,
या यादों से जैसे रंजीश हैं|
यादों में जाता हैं मन खो,
बातें खींचती हैं और अब वर्तमान में ध्यान दो|
पर यादें भी चोर हैं,
उस छोर से बातों को खींच यादों में ही झलका देती हैं|
ये जिंदगी के सवाल हैं,
या यादें ही जवाब हैं|
खुद में ही खोते जाओ,
खुदको ही पा जाओगे|
यादों का समुद्र ही है ऐसा,
विष भी देता हैं जब दर्द खुद में बटोर लेता हैं|
सोचते रहो सोचते रहो,
खुद को तराशने के लिए ख्वाहिश तो करो|
यादें ही तुम्हे इस कदर घुमायेंगीं,
सिर चक्कर खाकर खुदसे जब तक हार ना जाएगा|
इर्षा ,द्वेष ,अहम् , डर को जब तक चकना चूर ना करेगा,
तब तक यादों का सैलाब बहुत शोर मचाएगा|
फिर एक पल ऐसा भी आएगा,
तसल्ली का अमृत तुम्हे छुपके से दे जाएगा|
जिसकी खोज में तुम्हारा वर्तमान उथल पुथल हो रहा था,
आने वाले पल का कोई मतलब ही ना बचा था|
तब ही तो यादों की झंकार होती हैं,
तुम्हारी उलझनों को सुलझाके आनेवाले कल का मार्गदर्शन कर जाती हैं|
दीमाग कहता हैं यादों में ना उलझो बस आगे बड़ते रहो,
दिल की भी क्या बात हैं यादों से ही तो उसकी गहरी दोस्ती हैं|
आगे बड़के तो देखो दीमाग व्यस्त तो रहेगा,
पर उतना सशक्त ना रहेगा|
जब तक दिल जिंदादिली,
दीमाग का साथ ना देगा|
दिल की तो बस एक ही इच्छा हैं,
कोई भी उलझन यादों के हवाले ना छोड़ो|
अब दोस्ती उनकी चलेगी तो सोच लो,
तकलीफ आखिर किसको मिलती रहेगी?
दिल को खुश होने दो ना,
सारी उलझनों को सुलझाके आगे बड़ते रहो ना|