Source: Umesh Soni on Unsplash

नारी तुम महान हो..
तुम खुद की पहचान हो..
तुम त्याग की निशानी हो..
तुम झांसी की रानी हो..
नारी तुम समर्पण और बलिदान का प्रतीक हो..
समाज के लिए तुम एक जीत हो..
नारी अब कमज़ोर नहीं..
अब वह पुराना दौर नहीं..
तोड़ी अब उसने सारी जंजिरें है..
आजा़दी अब उसके ज़हन में है..
वह कर सकती अब खुद की सुरक्षा है..
सवोर्परि अब नारी शिक्षा है..
इसमें भी अब आत्मनिर्भरता है..
नारी की परिभाषा अब निडरता है..
नारी के रूप में परिवर्तन आ रहा पीढ़ी दर पीढ़ी है..
चढ़ रहीं वह अब सफलता की सिढ़ी है..
वह पहचान ती अब अपना वजूद है..
उसकी सफलता का कारण कोई और नहीं बल्कि वह खुद है..
नारी प्रतिष्ठा- सम्मान की पूरी -पूरी हक़दार हैं..
आखिर उसका भी तो समाज को कई योगदान है..
नारी तुम संघर्ष का दूसरा नाम हो..
नारी तुम वीरता की पहचान हो..
नारी तुम महान हो..
नारी तुम खुद की पहचान हो..!! 

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