धर्म को इंसान ने है बांटा

अब धर्म, इंसान को है बांट रहा...

अरे, धर्म पर नहीं इंसानियत पर भरोसा करो तुम... 

अब इंसान को तो इंसान से मत बांटो तुम..


धर्म ने इंसान को है बनाया ?

या इंसान ने धर्म को बनाया ?

इस बात को जरा गौर करो तुम,

इसमें अब फ़र्क करना छोड़ दो तुम...

अब इंसान को तो इंसान से मत बांटो तुम.. ,


अल्लाह सिख़ साँईं जीसस भगवान सब एक ही है

 जिसे कहते हम ब्रहमांड है इसका मजाक ना बनाओ 

इस बात को जरा समजो तुम...

अब इंसान को तो इंसान से मत बांटो तुम..


धर्म की लड़ाई अब तो छोड़ दो

मज़हब का ये खेल बंद करो तुम..

उपरवाले का यु अपमान ना करो

अपनी सोच को जरा सुधार लो तुम....

अब इंसान को तो इंसान से मत बांटो तुम...


कुछ लोग खेल रहे हमारे साथ राजनीति है

जिसमें पीस रही हम जनता है 

इनकी बातो में ना आओ तुम

एक दूसरे के लिए ये नफरत का जेहेर

दिल से निकालो तुम ...

अब इंसान को तो इंसान से मत बांटो तुम...


एक दूसरे के साथ प्यार मोहब्बत से रहो

इंसानियत को इस तरह से खत्म ना करो तुम

हर मज़हब या धर्म की इज़्ज़त करो

इसको यु बदनाम मत करो तुम...

अब इंसान को तो इंसान से मत बांटो तुम..


जिंदगी ने मुझे जीना सिखा दिया,
दुसरो की खुशियो में खुश रहना सिखा दिया,
के ना कोई हिंदु है ना कोई मुसलमान है,
जिंदगी ने मुझे फिर इंसानियत सिखा दिया....

_ विधि नंदू 

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