Source:  Warren Wong on Unsplash

की कई साथियों ने छोडा हमें
कईयों को हमने छोड़ दिया
दिमाग की बुझी बत्तियों को जलाने के लिए
हमने हमीं को अकेला छोड़ दिया
अब खोने को कुछ नही
पर पाने की प्यास ही काफी है
दिनों की मेहनत और कुछ घंटे रातों की नींद ही काफी है 

क्युकी यूँ तो नही मिलती मंज़िल
आँखों को भीगा कर रातों को सो जाने से
देखी है हमने खुशी एक रास्ता बनाने से
की एक रास्ता जो अलग ले जाता ज़माने से
जो भीड़ मे भी कर देता जुदा
किसी न किसी बहाने से
सब डरते होंगे पर हम नही डरते
खुद को ये बतलाने से
तु खुद ही खुदी के लिए काफी है
निकल जा इस ज़माने से
तु भाग तु उड़ तु डर मत मंज़िल पाने से
अरे! तु खुद ही खुद के लिए काफी है
मत कर उमीद ज़माने से 

.    .    .

Discus