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दिल का मोल या परिवार के बोल
किसकी सुने कोई सलाह दो अनमोल
9 महीने का कर्ज है सर पे
मूल्य चुका ना पाएंगे
छोड़ दिया जो साथ उनका
तो जी के भी हम मर जाएंगे
है दुविधा कठिन यह तो
प्रेम और प्यार की तकरार जो है
किसे चुने यह समझ में न आता
मोहब्बत दोनों की बेशुमार है
प्रेम ने सिखाया है कि
कुर्बानी देना आसान है
प्यार ने समझाया यह की
जीवन सिर्फ तुम्हारा न है
पाल पोस कर बड़ा किया है
कैसे सब कुछ भुला देंगे
दिन रात को एक किया है
कैसे प्रेम पर लुटा देंगे
पास रहा था दिल मेरा उस वक्त
जब सब ने साथ तोड़ा था
एक अकेला बस यह था
जिसने हाथ कभी ना मेरा छोड़ा था
दिल के बगैर ना रह पाएंगे
और परिवार के खिलाफ ना जा पाएंगे
छोड़ दो साथ अब तुम मेरा
यह बात उनसे तो ना कह पाएंगे
कौन है सही और कौन है गलत
यह फैसला हम ना ले पाएंगे
दे दिया है दिल अब उनको
दोबारा अनजान को ना दे पाएंगे

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