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आज बहुत लोगो का कहना है कि अग्रसारित होने वाले समाचारों से इंटरनेट जाम हो रहा है। इंटरनेट जाम होने का क्या कारण है? जाम होने का क्या कारण हो सकता है? सुप्रभात, शुभ मध्यान्ह, गुड इवनिंग गुड नाइट संदेशों से इंटरनेट भर गया है। एक समाचार के अनुसार कहा जाता है कि इन संदेशों को बुजुर्ग लोग ही ज्यादातर भेजते हैं। दुनिया भर में बुजुर्गों की संख्या ज्यादातर पाई जाती है। हमारे भारत देश में भी बुजुर्गों की संख्या अधिकतम हो गई है। क्या इंटरनेट इन वरिष्ठ नागरिकों के कारण जाम हो रहा है ? बड़ा ही गंभीर सवाल है। लेकिन जवाब इसका हां में मिलता है। आश्चर्यजनक बात यह है कि भारत के वरिष्ठ नागरिक ही अधिक से अधिक संदेश WhatsApp द्वारा भेज रहे हैं। हमारे देश के बुजुर्ग या वरिष्ठ नागरिक जो भी हैं, अधिकतर अकेलेपन का शिकार हो गए हैं। इसका कारण यह है कि कईयों के संतान उच्च अध्ययन के लिए विदेश जाते हैं और पढ़ाई खत्म करने के बाद वहीं पर नौकरी भी कर लेते हैं। उन्हें स्वदेश लौटने का दिल भी नहीं करता और वजह भी नहीं है। शुरुआत में कई लड़के लड़कियों के माता-पिता खुशी खुशी अपने बच्चों को विदेश जाने का प्रोत्साहन देते हैं। मां-बाप को लगता है कि हमारे बच्चे विदेश में जाकर पड़े और खूब कमायें। जब बेटे बेटियों की शादी होती है तब भी बहुत खुश होते हैं और जब पोते पोतियो का आगमन होता है तो विदेश में जाकर मां बाप भी अपना समय खुशी-खुशी बिताते हैं।

विदेश की आबोहवा, वहां का मौसम, वहां की नैसर्गिक सुंदरता, वहां की साफ-सफाई कायदे कानून, इन सब बातों से मन बहक जाता है। लगाव एक ऐसी चीज है जो श्रेष्ठ विषयों पर जुड़ जाने से छुट्ती नहीं। मनुष्य का स्वभाव भी ऐसा ही कुछ है। मानव को जब विलास जीवन की रुचि लग जाती है उसका लालची दिल उसे छोड़ता नहीं। इन बातों से और इंटरनेट का जाम होने से क्या संबंध है ? संबंध जरूर है। ज्यादा से ज्यादा मध्यवर्गीय लोग ही higher studies और नौकरी की तलाश में विदेश जाते हैं। वहां की विलासिता, सुख भोग, गाड़ी में सैर सपाटे करना, शुद्धता, काम का माहौल सब बेहतरीन तरीके में पाए जाते हैं। अतः कोई भी इसे छोड़कर वापस नहीं आना चाहता। पहले कुछ साल मां-बाप भी उत्सुकता के साथ साल में 6 महीने विदेश में बिताने के लिए चले जाते हैं। परंतु यह क्रम कुछ सालों के बाद उनके स्थिति के अनुरूप नहीं होता क्योंकि अब वे विमान यात्राओं से तंग आ चुके हैं। 20 घंटे की लगातार की उड़ान के दौरान मन ऊब जाता है। शारीरिक तंदुरुस्ती कम हो जाती है। जो नन्हे पोते थे वे अब बड़े हो चुके हैं, उनका दादा-दादी या नाना-नानी के साथ खेलना या घूमना फिरना एक विराम स्थल पर आ जाता है। बहू बेटियों को भी अपनी नौकरी के कारण अपने मां-बाप से ज्यादा बोलना या बातचीत करना क्रमशः कम हो जाता है। ऐसी स्थिति में जो मां बाप पहले बहुत सक्रिय रहते थे, उनकी आयु भी 50 या 55 के आसपास थी अब उम्र बढ़ जाने के कारण अपने आप को अस्वस्थ महसूस करते हैं। उनमें पहले का वह जोश नहीं रहता। तरह-तरह के पकवान बनाने, में बाहर घूमने में अब रुचि नहीं रहती। अकेलेपन और तन्हाई का शिकार बन जाते हैं। यही सीनियर सिटीजन या वरिष्ठ नागरिक अपना समय बिताने के लिए मोबाइल में अपने आप को खो देते हैं। मुख्य हो या ना हो सभी संदेशों को अग्रसारित करते रहते हैं। खास कर सुप्रभात समाचारों को, इन वरिष्ठ नागरिकों का कहना है कि दुनिया को पता चले कि हम जीवित हैं इसलिए सुबह उठते ही हम संदेश भेज देते हैं। लेकिन इंटरनेट पर इसका परिणाम क्या है यह ये लोग नहीं जानते। क्या इंटरनेट एक कूड़ेदान है जिसे भरते ही जाओ?

इंटरनेट ने हमारे जीवन के मायने पूरी तरह से बदल दिए हैं। यह बात सच है कि इसने हमारे जीवन के स्तर को ऊँचा किया है और कई कार्यों को बहुत सरल और आसान बना दिया है। लेकिन कई नुकसान भी इंटरनेट के कारण हुआ है। जैसे हर विषय के साथ होता है इंटरनेट का अधिक उपयोग लाभदायक के बजाय हानिकारक भी हो सकता है। इंटरनेट के साथ कई नुकसान जुड़े हैं। इनमें से कुछ समय का व्यर्थ होना, धोखाधड़ी भी शामिल है। बुजुर्गों को इन बातों की जानकारी नहीं होती।

इंटरनेट से कई फायदे हम प्राप्त कर सकते हैं, लेकिन इसके द्वारा प्रदान किए जाने वाले नुकसानों की संख्या भी कम नहीं है। इंटरनेट के मुख्य नुकसान में से एक यह है कि यह विशेष रूप से बुजुर्गों का ध्यान भटकाता है। मायूसी और अकेलापन से बचने के लिए बुजुर्ग भी आजकल ऑन लाइन खेलों का शिकार बन जाते हैं। रम्मी ताश खेलते हैं, जो भी समाचार पढ़ते हैं जिसका कोई अहमियत ना हो उसे दूसरे लोगों को फॉरवर्ड कर देते हैं। बच्चों की तस्वीरें, फूल फल पेड़ पौधे यह सब अनगिनत संख्या में फारवर्ड होते जा रहे हैं। इसका सुझाव क्या है ? लोगों को चाहिए वे अपने आप को किसी भी तरह व्यस्त रखें। वरिष्ठ नागरिक मोबाइल में समय ना गवा कर अपने आप को कुछ फायदेमंद कार्यों में लगा सकते हैं। संदेशों को फॉरवर्ड करने का काम छोड़ कर इंटरनेट का सदुपयोग कर सकते हैं जैसे संगीत सुनना, कहानियां पढ़ना, अपने विचार प्रकट करना आदि। जो भी विषय में बुजुर्ग निपुण है उन्हें भी ऑनलाइन द्वारा दूसरों को सिखा सकते हैं उदाहरण के लिए बोलचाल की अंग्रेजी सिखाना, बच्चों को गणित वगैरह पढ़ाना, ऐसे कामों में मन लगाने से बुजुर्गों का दिल भी बहल जाएगा और समय भी अच्छा बीत जाएगा। 

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