Source: AMISH THAKKAR on Unsplash

जीवन पथ को सरल बनाएं मिलकर एक साथ,
पीछे कहीं छूट ना जाए चुड़ी पहने हाथ ;
यही समय है, उसे अपने बराबर कर दो
वो जब बैठे खाना खाने तुम पानी भर दो
कभी तुम्हारी गोद में कमरे तक सैर कराना
जब काम से थक जाए तुम भी उसके पैर दबाना
बैठे बैठे कभी उसका हाथ थाम कर
कोई शेर कह दो यु ही उसकी सुंदरता पर
जोड़ रहे हैं जो पुरा घर परिवार,
ध्यान रहे कहीं टूट ना जाए चुड़ी पहने हाथ,
जीवन पथ को सरल बनाएं मिलकर एक साथ,
पीछे कहीं छूट ना जाए चुड़ी पहने हाथ ;
कहना बहुत कुछ होता है उसे पर वो कह नहीं पाती है
कई अधूरी ख्वाहिशें मन में दबी रह जाती है
औरत ज़रुरत नहीं, औरत तुम्हारी ताक़त है
नफ़रत नहीं, तुम्हें करना उससे सिर्फ मोहब्बत है
सात फेरों के सात वचन सात जन्मों तक निभाना
लड़खड़ाने लगे जब तुम उसका सहारा बन जाना
कभी जो वह रुठे तुम उसे मनाना
कभी तुम भी बेमन हीं सही पर मान जाना
सबको बतलाते अपनी पहचान
जग से कहीं रुठ ना जाए चुड़ी पहने हाथ,
जीवन पथ को सरल बनाएं मिलकर एक साथ,
पीछे कहीं छूट ना जाए चुड़ी पहने हाथ;

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