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जरूरत भले ही ना पड़े तुम्हें कभी मेरी
पर इतना यक़ीन है कमी मेरी हमेशा खलेगी,
बिन मांगे मिलती है जो तुम्हें मुझसे
ऐसी सलाह कभी किसी से पैसों में भी ना मिलेगी,
माना कि बहुत निभाया है तुमने
पर हर बार सरे आम जताया भी है हमने,
बेतकल्लुफ मिलती है जो तारीफें तुम्हें हम से
दावा है ये मेरा ना किसी दूजे से मिलेगी,
माना कि साथ देना पड़ता है तुमको हमेशा
पर हम सी भी साथी ना कोई और मिलेगी,
पता नहीं मैं नजरों में तेरी भली हूँ के बुरी हूँ, पर
इतना कर यकीन कि मुसीबत में सदा तेरे साथ रहूंगी
जरूरत भले ही ना पड़े तुम्हें कभी मेरी
पर इतना यक़ीन है कमी मेरी हमेशा खलेगी …