"माँ" तुमसे ही शुरू हुआ मेरा जीवन,
तुम्हारा ममतामयी स्पर्श, तुम्हारा वात्सल्य,
तुम्हारा निश्चल स्नेह ,
मेरी पहली शिक्षिका, मेरी पहली सहेली
तुम्हीं मेरी हर मुश्किल का हल,
तुम्हीं सुलझाती मेरे जीवन की हर पहेली
तुम प्रेम का सागर, तुम सरल रस से भरी गागर,
मेरी हँसी खुशी से ही मिलती तुझे खुशी
मेरी तकलीफ मुझसे ज्यादा सदा तुझे हुई
तेरे प्रेम का कोई पार नहीं माँ,
तेरे नाम सा कोई सार नहीं माँ,
आज मै भी माँ हूँ,
तेरे हर एहसास को जीती हूँ...
तेरे जैसा मैं भी महसूस करती हूँ वो सुखद एहसास
एक सुखमय एहसास, "मातृत्व का एहसास"
"माँ" तुझसे ही पाया मैंने, जीवन का सुंदर "आधार"
तेरे निर्मल-निश्चल प्रेम का, कैसे चुकाऊं मैं "आभार"।।