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अक्सर ये सुना है और बहुत सी जगह पढ़ा है "मेरा भारत महान" आज इसी विषय पर अपने विचार लेकर आयी हूँ कि मेरा भारत महान क्यों है?

मेरा भारत महान है क्योंकि यहां की संस्कृति व्यापक और पुरातन है हर विचारधारा के पीछे एक सटीक वैज्ञानिक तथ्य है।

मेरा भारत महान है क्योंकि यहां संतान अपने माता-पिता को भगवान के जैसे मानते हैं। यहां आज भी माँ अपनी संतान के लिए अपनी प्रतिभा और महत्वकांक्षा को द्वितीय स्थान देती हैं। परिवार मे, संबंधों मे मिठास है, प्रेम है, समर्पण है, अपनापन है, यहां संगीत को साधना, विद्या को माँ और गुरु को ईश्वर सा पूजते हैं, यहां नारी 'लक्ष्मी' और नर 'नारायण' हैं। अतिथि देवो भव: ऐसे महान संस्कार मेरे भारत को महान बनाते हैं।

गुरु दक्षिणा में अँगूठा दे देना ऐसी कृतज्ञता है मेरे भारत में, राम नाम से पत्थर तैर जाता है राम-सेतु ऐसी निष्ठा का परिचायक है मेरा भारत, विश्व आश्चर्य ताजमहल भारत की महानता में योगदान देता है।

अजंता एलोरा की गुफाओं की कलाकारी, गंगा नदी की निर्मलता, हिमालय की सौन्दर्यता, आयुर्वेद का ज्ञान, शून्य की खोज करके विश्व को भारत ने समय-समय पर अपनी महानता से परिचित कराया है।

स्वर की देवी लता मंगेशकर, क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर, हॉकी के धनुर्धर ध्यानचंद, फ़िल्म जगत में सदी के महानायक अमिताभ बच्चन, नोबेल पुरस्कार विजेता रबीन्द्रनाथ टैगोर, भारत को विश्व गुरु बनाने वाले नेता नरेंद्र मोदी और भी ना जाने कितने प्रतिभा के धनी अनमोल रत्न की जन्म-भूमि और कर्म-भूमि है मेरा भारत जो इसकी महानता में चार चाँद लगा देते हैं ।

धरती को, गंगा को, गौ को और भारत को माता कह कर सम्मान देने की संस्कृति रखने वाला मेरा भारत महान है, पूजनीय है।

यहां हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सारे मजहब के लोग एक साथ रहते हैं। यहां मंदिर की घंटी भी है, मस्जिद की अज़ान भी, गुरुद्वारे की अरदास भी है और चर्च की प्रार्थना भी। एक दूसरे के मजहब का सम्मान करते हैं एक दूसरे के त्यौहार मनाते हैं एक दूसरे की खुशियों में शामिल होते है। ये भाईचारा मेरे भारत को महान बनाता है।

अनेकता में एकता, भिन्नता में समानता का स्वभाव रखता मेरा भारत जहां हर प्रांत की अलग वेश-भूषा और भाषा है फिर भी सब एक हैं "भारतीय" यही धारणा मेरे भारत को महान बनाती है।

चाहें पंजाब का सरसों का साग और मक्के दी रोटी हो चाहें दक्षिण भारत का इडली, डोसा या फिर उत्तर भारत के छप्पन व्यंजन, भारत के खान-पान के लिए ये कहना अतिशयोक्ति ना होगा कि भारतीय व्यंजनों सा स्वादिष्ट भोजन समस्त विश्व मे नहीं होगा।

अनेक महान पुरूषों की जन्मभूमि रहा है मेरा भारत। मर्यादापुरुषोत्तम श्री राम, श्री कृष्ण, गौतमबुद्ध, रानी लक्ष्मी बाई, रजिया सुल्तान, पृथ्वीराज चौहान, महाराणा प्रताप, वीर शिवाजी, मौलाना अबुल कलाम आजाद और भी ना जाने कितने महान विभूतियों से भरा पढा है मेरे भारत का इतिहास, जिनकी गाथायें संपूर्ण विश्व मे प्रचलित हैं इतना गौरवशाली इतिहास है मेरे भारत का इस लिये महान है मेरा भारत।

अंततः इतना ही कहना चाहूँगी कि सम्मान, सद्भाव, प्रेम, समर्पण, सेवा, दया, त्याग भक्ति और बंधुत्व जैसे नव-रस के भाव से ओतप्रोत मेरा "महान भारत" अन्य अनेक कारण स्वयं में समाहित किया हुआ है जिनकी चर्चा करना किसी एक लेख में कर पाना असंभव है।

स्वयं में अनंत कारण समाये मेरा भारत अतुल्य है, वंदनीय है, पूजनीय है, मेरा भारत महान है।।

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