मेरे हिस्से में तुम आ जाओ कान्हा,
बाकी सब पर अपने आप मेरी हिस्सेदारी हो जायेगी
तुम मिल जाओ तो बाकी दुनिया की फिर
कोई अभिलाषा ही कहां रह जायेगी,
मेरी जीवन नैया के खिवैया जो तुम होगे
तो नाव उस पार तो खुद ब खुद लग जायेगी,
सारथी हो जो तुम जैसा तो रास्ता हो चाहें जैसा
मंजिल तो खुद ब खुद मिल जायेगी,
मेरी डोर जब तेरे हाथ में होगी
तो मेरी पतंग कहां कट पाएगी,
तेरी कृपा दृष्टि जब मुझ पे होगी
तो कहां किसी की नजर मुझे लग पाएगी,
मेरे हिस्से में तुम आ जाओ कान्हा
बाकी सब पर अपने आप मेरी हिस्सेदारी हो जायेगी।