Photo by name_ gravity on Unsplash
अक्सर लोगों को छांव की चाहत रहती है सुकून जो देती है.... पर जिंदगी सुदृढ़ बनाने के लिए धूप भी जरूरी हैं
मिट्टी के बर्तन जब गीले हों तो उन्हें भी आंच जरूरी होती है उन्हें तपना पड़ता है.... तब ही पक्के हो पाते हैं
जैसे पौधे को पनपने के लिए धूप और पानी दोनो जरूरी हैं , उसी तरह एक सुखद संयुक्त परिवार के लिए स्नेह के साथ साथ बड़ों के लिए आदर होना जरूरी है ये आदर ही ऐसी लक्ष्मण रेखा होती है जो सभी सदस्यों को कुछ गलत करने या मनमानी करने से स्वत: ही रोक लेती है
जिस तरह मां का प्यार बच्चों को संवार कर रखता है उसी तरह पिता का डर उन्हें सुधार कर रखता है
जब तक बच्चों के मन में ये डर रहता है कि ऐसा किया तो पापा डांटेंगे.... तब तक वो कभी कुछ भी गलत नहीं करते..
तभी शायद ईश्वर ने भी गुलाब के पौधे को फूलों के साथ कांटे भी दिए जो खूबसूरत गुलाब को महफूज रखते हैं कोई उन्हें तोड़े तो उसे चुभ जाते हैं
पिता की डांट भी भले ही कांटे की तरह चुभे पर हमारी जिंदगी को खूबसूरत बनाने के लिए जरूरी है
ना मां की ममता का स्थान कोई दूसरा ले सकता है
ना ही पिता के जैसे कोई सरंक्षित कर सकता है
सफल सुखद जीवन के लिए जिंदगी में धूप और छांव दोनो जरूरी हैं नहीं तो कुछ तो परिपक्व हो जाते हैं बाकी मुरझा जाते हैं।