हर तरफ सुनाई देंगे,उनकी शहादत के किस्से,
रूह में शामिल कर लो जो,उस इंकलाब के हिस्से।
धरती का सीना चीर कर वो हमारे लिए आए थे,
वतन की आजादी की खातिर उन्होंने प्राण गवाएं थे,
घर पर उनकी भी राह देखता भरा-पूरा परिवार था,
पर उनके सिर पर तो इंकलाब का जुनून सवार था,
चाहते तो वो भी घर पर ही रह जाते,
चादर तान कर हम लोगों की तरह ही वो सो जाते,
मगर वो सच्चे इंसान थे, भारत मां की शान थे,
आजादी की खातिर उन्होंने क्या-क्या तकलीफें उठाई,
उनकी इस कुर्बानी से ही यह आजादी आई,
आज की युवा पीढ़ी को उनके बारे में बतलाएं,
उनकी शहादत के किस्से इन्हें सुनाएं,
युवा जागृति मन ही उज्जवल भविष्य का आधार है,
उसी से हम आज और कल भी रहने वाले आजाद हैं,
रहने वाले आजाद हैं।

जय हिंद। जय भारत।

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