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चाहत है हमें तुम्हें पाने की बहुत करीब से
पर ये चाहत, मिलती नहीं हमारे नसीब से

मोहब्बत , मौत से पहले का इक तोहफा है
ये तोहफा रंग दिखाता है अजीब अजीब से

मानकर इश्क़ , हम आपसे दिल लगा बैठे है
पर आप ज़रूर दिल लगाना अपने हबीब से

हसीनों की रोशनी के लुत्फ़ गर चाहिए,तो कुछ
ना नसीब होगा आपको , इस हुस्न के गरीब से

सुना है कुछ लोग खुश भी रहा करते है इश्क़ में
हाए ! ऐसा इश्क़ करले कोई, मुझ बदनसीब से

मोहब्बत कितना करते होंगे आपसे सोचिए,गर
हम बेइंतहां मोहब्बत करते है आपके रकीब से

क्या बदनाम करेगा कोई हमें इश्क़ में,हमारा नाम
तो पहले से ही सरेआम है ,एक मशहूर अदीब से

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