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है जरूरी बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ,
जूडो, कराटे का इन्हें माहिर बनाओ,
अस्तित्व, अस्मत चाहते इनकी बचाना,
पिस्तौल, खंजर हाथ में इनके थमाओ।
आत्म रक्षा के इन्हें सब गुर सिखाओ!
इन्हें आत्मरक्षा के लिए सक्षम बनाओ!!
अर्धनग्नता को आधुनिक फैशन न मानें,
सड़क, शयन कक्ष के अन्तर को जानें,
घर से निकलो तब, मर्यादित वस्त्र धारें,
सड़क पर तो, रोड के नियमों को मानें,
अतिउत्साह में न पग कभी आगे बढ़ाओ,
खुद को सड़क की, लालबत्ती न बनाओ।
आत्म रक्षा के इन्हें सब गुर सिखाओ!
इन्हेंआत्मरक्षा के लिए सक्षम बनाओ!!
“हम क्या पहनें, क्या न पहनें, हक़ हमारा,
यह निर्णय हम करेंगे, है नहीं हक़ तुम्हारा,
पढ़े, लिखे हैं हम, अच्छा बुरा सब जानते हैं,
रूढ़िवादी सोच को, खूब हम पहचानते हैं,
आधुनिकता क्या है, ये हमको न सिखाओ।”
अब इन बुजुर्गों को न, अपने मुंह लगाओ।
आत्म रक्षा के इन्हें सब गुर सिखाओ!
इन्हेंआत्मरक्षा के लिए सक्षम बनाओ!!
बेटे हों या बेटियां, आपकी, मेरी, तुम्हारी,
इन्हें संस्कारी बनाना, है हमारी जिम्मेदारी,
तन प्रदर्शन कर के मत खतरा बढ़ाओ,
तुम सोये भूखे भेड़ियों को मत जगाओ,
अश्लीलता के जहर से, खुद को बचाओ,
“अब लव जिहादी हो गया है” मान जाओ।
आत्म रक्षा के इन्हें सब गुर सिखाओ!
इन्हेंआत्मरक्षा के लिए सक्षम बनाओ!!
है जरूरी बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ,
जूडो, कराटे का इन्हें माहिर बनाओ,
अस्तित्व,अस्मत चाहते इनकी बचाना,
पिस्तौल, खंजर हाथ में इनके थमाओ।
आत्म रक्षा के इन्हें सब गुर सिखाओ!
इन्हेंआत्मरक्षा के लिए सक्षम बनाओ!!
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