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घर में जो रहना है तो, काम कर प्यारे,
जोरू के हुकुम का, गुलाम बन प्यारे,
वरना ये बीबी, तुझे जीने नहीं देगी,
चाय, दूध छोड़, पानी, पीने नहीं देगी,
मत ऐसे जुल्मों का, शिकार बन प्यारे !
घर में जो रहना है तो काम कर प्यारे !

घर से ये बाहर तुझे, जाने नहीं देगी,
कोशिश जो करेगा तेरी, टांग तोड़ देगी,
लगता है, औरंगजेब की है, ये दादी,
शाकाहारी लेकिन, खून पीने की है आदी,
घर में साहब बनने की, सोच मत प्यारे !
घर में जो रहना है तो काम कर प्यारे !

पत्नी के आतंक से, हर पति त्रस्त है,
उसकी जवानी, हँसी, रहती भयग्रस्त है,
बच के इसके जुल्मों से, बतला कहाँ जायेगा ?
इस के खिलाफ, कहाँ रपट लिखवाएगा ?
मत ‘लॉ ‘, पुलिस का, गुमान कर प्यारे !
घर में जो रहना है तो काम कर प्यारे !

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