होश सम्हाला जब से मैंने, माँगा यह वरदान-
"दीनबन्धु , दुखहरण, जिनेश्वर, पत्नी करो प्रदान।"
होश सम्हाला जब से मैंने...
मेरे संगी साथी करते, अर्जित, अक्षर ज्ञान,
‘ प ’ से मैं पत्नी पढ़ जाना, पत्नी विषय महान,
क्या इतिहास, गणित क्या प्यारे राजनीति विज्ञान,
पत्नी मूलमन्त्र के सम्मुख, सब नीरस बेजान।
पत्नी ही भूगोल, हमारी, पत्नी ही विज्ञान!
होश सम्हाला जब से मैंने…
पत्नी है पर्याय सूर्य का, समझ अरे नादान,
जिसके चारों ओर नाचता, हर पति धरा समान,
जिसकी टेडी नजरों से ही, आते हैं भूचाल,
इसीलिए हर ज्ञानी पूजें, पत्नी देव समान।
सृष्टि का निर्माण कर रही, पत्नी सूर्य समान!
होश सम्हाला जब से मैंने...
तपती धरती, हाथ जोड़कर, कहती कर कल्याण,
भौंह धनुष से चुन चुन फेंके, तू नजरों के वाण,
असुर, देव सब थरथर कांपें, ज्यों बे वश इंसान,
डरकर जल के देव आंख से, बरसें मेह समान।
पत्नी ही हर दुख की हर्ता, पत्नी ही भगवान!
होश सम्हाला जब से मैंने…
पर्वत, सागर, नदियाँ इस में, लख मूर्ख अज्ञान,
झील छुपी है इन नयनों में, दिल है वर्फ समान,
पर स्वभाव की गर्मी से ही, जल बन बन कर भाप,
काले, काले, उमड़े, घुमड़े, केश हैं मेघ समान।
पत्नी ही भूगोल हमारी, पत्नी ही विज्ञान!
होश सम्हाला जब से मैंने…
समीकरण, सिद्धान्त गणित के, कम्प्यूटर, इन्सान,
सब कुछ पल में हल कर देते, बिना किसी व्यवधान,
युगयुग से इस विकट प्रश्न को, ना समझ सके विद्धान,
इन की आयु की गणना पर क्यूँ, भ्रमित गणित, विज्ञान?
पत्नी ही भूगोल हमारी, पत्नी ही विज्ञान!
होश सम्हाला जब से मैंने…
बहुत सुना शिक्षा में होगा, परिवर्तन श्री मान,
आवश्यक सरकार करेगी, पत्नी विषय महान,
पति का यह दायित्व रहेगा, रक्खे पत्नी ध्यान,
यह तलाक की विकट समस्या, का सम्पूर्ण निदान।
पत्नी हो आराध्य सभी की, जैसे श्री भगवान!
होश सम्हाला जब से मैंने…
क्या मन्दिर, मस्जिद, गुरूद्वारे, गीता और कुरान,
ग्रन्थ साब’, गिरजाघर, बाइबिल, सारे वेद, पुराण,
व्यर्थ सभी ये धर्म शास्त्र अब, पत्नी धर्म महान,
पत्नी समर्पित हर पति को यह, अर्पित “पत्नी पुराण”।
पत्नी ही एक धर्म सभी का, पत्नी शास्त्र पुराण!
होश सम्हाला जब से मैंने...
होश सम्हाला जब से मैंने, माँगा यह वरदान-
" दीनबन्धु , दुखहरण, जिनेश्वर, पत्नी करो प्रदान।"
होश सम्हाला जब से मैंने...

.    .    .

Discus