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अब राजनीति बन गई है पेशा,
नुकसान का कतई नहीं अंदेशा,
साथ ही मुफ्त में मिल जाता है -
परिवार को राजनीति में लाने का ठेका,
इसीलिये हम ने भी बनाई है नई पार्टी -
नाम है - " जनता लुटेरी पार्टी ",
शॉर्ट मे JLP,
चुनाव चिन्ह -
तुम्हारा राष्ट्रीय फूल - कमल,
तो हमारा है -
" राष्ट्रीय बर्तन " - कटोरा,
अब भिक्षापात्र, कटोरा कभी ना कहना,
" राष्ट्रीय बर्तन " कहो, सम्मान का प्रतीक है,
भीख शब्द है बुरा, सहयोग ही सटीक है।
अरे ये नाम भी सार्थक है,
क्योंकि जनता ही लूटेगी -
मजा और पैसा,
तभी नाम रखा है ऐसा,
सभी को खुशहाल बनायेंगे,
हम तो सिर्फ उन्हें लूट के,
साधन, सुविधा मुहैय्या करायेंगे।
हमारी सरकार आई तो,
भीख, भिक्षा, भिक्षापात्र, कटोरा जैसे शब्द,
डिक्शनरी (शब्दकोशों) से निकाले जायेंगे,
इनके उपयोग, देशद्रोह श्रेणी में डाले जायेंगे।
" राष्ट्रीय बर्तन " को सोने का बनायेंगे,
भारतीय साख मे चार चांद लगायेंगे।
हम राष्ट्रीय बर्तन लेकर विदेशों में जायेंगे,
जो पायेंगे घर की नींव, दीवारों में छिपायेंगे,
बेनामी सम्पत्ति बनायेंगे,
पालतू कुत्तों, बिल्लियों के नाम करायेंगे,
इनकम टैक्स, ई डी वालों को भी मनायेंगे।
हमारी नीतियां,
शीशे की तरह साफ़, पारदर्शी होंगीं,
यानि
" जैसे को तैसा ",
जो जिसके मन में आयेगा, बोल सकेगा वैसा,
कर सकेगा वैसा, लूट सकेगा मजा, पैसा,
संविधान में प्रदत्त,
अभिव्यक्ति की आजादी सबको होगी,
जनता हो या सरकारी नुमाइन्दे,
शुरू हो जायेंगे,
सुविधा शुल्क, चन्दे।
काम कराने को देने होंगे,
आपसी समझौतों अनुसार सुविधा शुल्क, चन्दे।
आपके द्वारा चुने हुए बन्दों को भी,
मन की करने की आजादी होगी,
आप के द्वारा किसी की आजादी पर,
अंकुश लगाने की प्रार्थना,
कभी स्वीकार नहीं होगी।
प्रियंका दीदी का सुझाव अपनायेंगे,
स्कूल में बिकनी भी पहनें,
तो भी हल्ला नहीं मचायेंगे,
लडके भी नागाभेष में आ सकते हैं,
संविधान ने गारण्टी दी है,
हम क्या कर सकते हैं,
हम भी यही चाहते हैं क्योंकि,
ऐसे बोल्ड फैसलों से,
नये युवा वोटर सब हमारे हो जायेंगे।
तुम्हारी सभी शिकायतें होंगी फर्जी,
जैसे, पुलिस नहीं करती दर्ज अर्जी,
जो उन का मन होगा, वही तो करेंगे,
वो कुत्ता ढूंढें या भेंस, ये उनकी मर्जी।
हम सब जातियों को आरक्षण दिलायेंगे,
स्वाभिमानी जनरल क्लास में रह जायेंगे,
आरक्षित वर्ग के डाक्टर आरक्षित का इलाज करेंगे,
आरक्षित वर्ग के इंजीनियर,
आरक्षित के मकान बनायेंगे।
सभी सुरक्षित होंगे, मौज उडायेंगे,
बिजली, पानी के बिल सब भूल जायेंगे,
बीमारी में दाना पानी बरसों घर पहुंचायेंगे,
गैस, चूल्हा, बीमा सब फ्री पायेंगे,
बेरोजगारी, मंहगाई, टैक्स जैसे मसले,
जिन्दगी से दफा हो जायेंगे।
तुम चाहे हमें धमकाना, गाली देना,
हम कभी बुरा नहीं मानेंगे, सब सह जायेंगे,
बस हमारे कुछ गुर्गे आपके घर जायेंगे,
आप की बदतमीजी का कारण पूंछ आयेंगे,
आपके घर में ही या थाने में निदान करवायेंगे,
फिर भी ना सुधरे तो इज्जत मिट्टी में मिलायेंगे,
या कहीं और उठा कर ले जायेंगे,
आप को बदनामी से बचायेंगे।
ऐसा रामराज्य कहीं नहीं पायेंगे।
हम आपका वोट लेने को,
खूब धन दौलत, मौज लुटायेंगे,
सैफई जैसे जलसे जगह जगह करायेंगे,
आप मज़े लूटेंगे मालामाल हो जायेंगे,
ऐसे ही आधुनिक विकसित हो जायेंगे।
ऐसा विकास आपका होगा,
हम तो सत्तर सालों से गरीबी हटाते हटाते
“ ….” माता और
उनके परिवार की तरह ही,
भूखे, नंगे, गरीब ही रह जायेंगे।
आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है -
आप सबका साथ,
सबका विकास,
सबका विश्वास,
अब "जनता लुटेरी पार्टी" के,
नाम आप सबका वोट होगा,
फिर आपकी मनचाही खुशियों का टोकरा,
प्रतिदिन आपके द्वार होगा।
याद रखना चुनाव चिन्ह -
“राष्ट्रीय बर्तन”,
आप ताउम्र करेंगे खुशियों भरा नर्तन।।