हर भारतीय पत्नी,
पति को रिझाने में,
बेवकूफ बनाने में,
अव्वल दर्जे की दक्षता रखती है,
हर साल,
पूरे वर्ष में मात्र एक दिन,
पति की लम्बी उम्र की कामना के लिए,
करवा चौथ का व्रत जरूर रखती है,
खुद को दुल्हन सा सजाती है,
पति के हाथों से पानी पीकर,
नई नवेली दुल्हन सी लजाती है,
ऐसा जादू चलाती है कि बेचारा पति,
उसके रूपसौंदर्य की आभा में,
अन्धा होकर, सब भूल जाता है,
हसीन सब्ज बाग़, सपनों में खो जाता है,
जीवन में स्वर्ग का आनन्द प्राप्त हो जाता है,
और यहीं उसके साथ,
फिर से लम्बा, एक साल का खेल हो जाता है ।
पत्नी, साल में केवल एक दिन ही,
उसकी खुशियों को 'रिन्यू' होने का,
अहसास दिलाती है,
दुनिया को पति की महत्ता,
दिखाती है,
और बाकी के बचे 364 दिन,
तो खूब लुभाती है, रुलाती है,
जी भर के पागल बनाती है,
लेकिन अपनी मर्जी ही,
ज्यादा चलाती है,
प्यारी कर्कश वाणी से,
व्यंग वाण भी चलाती है,
हर पल अनेकों जुल्म ढाती है,
कुंठित लुंठित बनाती है।
हां, जिन्दा रखने के लिए,
पसन्दीदा स्वादिष्ट भोजन,
खुद चाहे खाये, न खाये,
या 'डाइटिंग' पर जाये,
लेकिन पति को जरूर और,
जबरदस्ती खिलाती है ।
शोध बताते हैं,
सत्य का दर्पण दिखाते हैं -
पत्नी को, नहीं करना चाहिए, करवा चौथ का व्रत,
बल्कि रखना चाहिए, शाम से सुबह तक मौन व्रत,
इससे तो पति की उम्र अपने आप ही,
दुगनी हो जाएगी,
बिना भूखे रहे ही,
बेचारी की मनोकामना पूरी हो जाएगी।
अनुभव, तथ्य और तर्क भी यही बताते हैं कि -
भूखी शेरनी ही,
ज्यादा उत्पात मचाती है,
ज्यादा दहाड़ती है, सुनाती है,
लेकिन भरे पेट पर बेचारी,
चुपचाप शान्त पड़ी अलसाती है।
लेकिन -
सच मानो यारो,
करवा चौथ मात्र प्यार का दिखावा है,
अनोखा छलावा है,
लम्बी उम्र का बहाना है,
मकसद तो पत्नी ने,
अपनी ‘फिगर’ को बनाना है !
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