मेरे भगवन यही अरदास है, बस आज एक तुम से,
मैं करता ही रहूँ सबका भला, संभव हो जो मुझ से।
मेरे भगवन यही अरदास है...
बना है आज हर इन्सान, अपरिमित क्रूर अभिमानी,
जरा सिखला दे, कुछ जीना, सभी को प्यार के ढंग से।
मेरे भगवन यही अरदास है...
कभी भूले से भी, कोई किसी का, दिल न दुखलाये,
रहें सब दूर, राग, द्वेष और सभी, दुर्भाव के डर से।
मेरे भगवन यही अरदास है...
सभी के धर्म, पाप और भावना, एकसार यूँ कर दे,
कि मिट जायें सभी झगडे, धर्म. मतभेद से उपजे।
मेरे भगवन यही अरदास है...
भले मतभेद हों लाखों, भाव दुश्मनी के न कोई पाले,
चलें सब शान्ति के पथपर, विश्व बन्धुत्व भाव को लेके।
मेरे भगवन यही अरदास है...