मेरे बडे पुत्र को, अपने एम् बी ए करने के दौरान ही कैम्पस रेक्रुइट्मेंट में, मल्टी नेशनल कंपनी में जॉब मिल गई थी और पूरा करने के बाद उसे सोनी के प्रोजेक्ट पर जापान भेज दिया गया जहाँ से वह हर तीसरे माह कंपनी के खर्चे पर ही 8-10 दिन के लिए इंडिया आता था और वहां से अच्छे डेकोरेशन आइटम लाता था जिस में एक बार जापान से बहुत ही प्यारी गुड़िया लाया तब मैंने यह कविता 2002 में लिखी थी। अब वो अमेरिका में उसी कंपनी में वाईस प्रेजिडेंट है।