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‘पत्नी मुझे बनाना ईश्वर’, जन्म मुझे अगला यदि दो,
यही आप से विनती मेरी, पति के रूप में ये ही हो,
कुछ तो मैं बदले ले पाऊं, मुझको भी एक मौका दो,
कितने मुझ पे जुल्म ढाये हैं, इसे ज़रा अहसास तो हो।
‘पत्नी मुझे बनाना ईश्वर’, जन्म मुझे अगला यदि दो !

खुद तो खाए पनीर कोफ्ता, मुझे एक सब्जी दे लौकी,
मुझे परोसे रूखी रोटी, खुद खाए मेवों की चौकी,
कहती -”हृष्ट पुष्ट चंगी मैं, तुम रहते बीमार जो हो,”
‘निर्दयी इतना जुल्म करे क्यूँ, थोड़ा तो चख लेने दो ।’
‘पत्नी मुझे बनाना ईश्वर’, जन्म मुझे अगला यदि दो !

खुद तो अपने लिए खरीदे, डायमंड, सोने के जेवर,
मैं मांगूं एक ‘अंडर वियर’, आंख तरेरे, बदले तेवर,
मिन्नत करता, ‘सभी फट गए, केवल एक ही दिलवा दो,’
‘’चुप्प करो जी, इस मंहगाई में, पेट तो पहले भरने दो ।”.
‘पत्नी मुझे बनाना ईश्वर’, जन्म मुझे अगला यदि दो !

“खुद को कार, मुझे कहे पर, दफ्तर भी पैदल जाओ,
घी, चीनी को बन्द करो अब, मत रोटी ज्यादा खाओ,
अरे बीमारी से बचे रहोगे, तोंद जरा तो कम कर लो,”
‘एक मीटर की कमर तुम्हारी, कभी अपने को भी देखो ।'
‘पत्नी मुझे बनाना ईश्वर’, जन्म मुझे अगला यदि दो !

‘नहीं शुगर की मुझे बीमारी, फिरभी सहता जुल्म सुनो,
स्वाद शुगर का भूल चुका हूं, देती कैसे कैसे तर्क सुनो,
कर्कश वाणी, व्यंग वाण तज, कभी तो मीठा भी बोलो,’
“स्वाद करेले सी वाणी से, लिमिट में रहती शुगर सुनो ।“
‘पत्नी मुझे बनाना ईश्वर’, जन्म मुझे अगला यदि दो !

"तुम्हें मोहब्बत हर मीठे से, बस यूँ तुम मुझ से दूर हटो ।“
'इसके तर्कहीन इन उपदेशों पर, थोड़ा सा अंकुश तो हो।'
‘पत्नी मुझे बनाना ईश्वर’, जन्म मुझे अगला यदि दो !
‘पत्नी मुझे बनाना ईश्वर’, जन्म मुझे अगला यदि दो !!

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