हे ! ब्रम्हा, विष्णु और महेश,
अल्लाह, जीजस, नानक देव,
चौबीसों तीर्थंकर अरिहन्त,
राम, श्याम सारे भगवन्त ।
सबको मम साष्टांग प्रणाम !
सबको मम साष्टांग प्रणाम !!
आप सभी हो कृपानिधान,
दूर करें क्षण में व्यवधान,
विनती सुन लो यह भगवान,
इतना सा कर दो मम काम -
"ऐसी पत्नी करो प्रदान,
जो कर दे घर को सुखधाम।"
प्रतिभा हो बहु आयामी !
पत्नी शरणम् गच्छामि !!
हाड, मांस या बना चून की.
लगे चांदनी और ‘मून’ सी,
अपलक देखूं मैं अभिराम ।
ऐसी पत्नी दो भगवान,
जो कर दे घर को सुखधाम !
सर्वांग सुन्दरी देना सच्ची,
तन से ज्यादा, मन की अच्छी,
पति सेवा माने शुभ काम ।
ऐसी पत्नी दो भगवान,
जो कर दे घर को सुखधाम !
पति की हाँ में, हाँ ही बोले,
घर में ही बस नाचे, डोले,
स्वयं करे घर के सब काम ।
ऐसी पत्नी दो भगवान,
जो कर दे घर को सुखधाम !
ग्लूकोज बातों में घोले,
कभी न कर्कश स्वर में बोले,
खूब मुझे दे, सुख, आराम ।
ऐसी पत्नी दो भगवान,
जो कर दे घर को सुखधाम !
मुझे शुगर की ना बीमारी,
डरे नहीं मम प्राणन प्यारी,
नित नए मीठे दे पकवान ।
ऐसी पत्नी दो भगवान,
जो कर दे घर को सुखधाम !
स्मार्ट फोन में रहे न व्यस्त,
मैं इत उत भटकूँ हो त्रस्त,
न हो ऑनलाइन शौपिंग ज्ञान ।
ऐसी पत्नी दो भगवान,
जो कर दे घर को सुखधाम !
व्हाट्स एप, फेसबुक छड़,
हर पल रक्खे मेरा ध्यान,
स्मार्ट फोन और लैपटॉप का,
ना हो उसको बिलकुल ज्ञान !
ऐसी पत्नी दो भगवान,
जो कर दे घर को सुखधाम !
रोज रात को पैर दबाये,
थपकी देकर मुझे सुलाये,
कभी करे ना नींद हराम ।
ऐसी पत्नी दो भगवान,
जो कर दे घर को सुखधाम !
पति आज्ञा, उस को सर्वोपरि हो,
पति इच्छा, ना टाले कल पर जो,
कभी न हो, इस पर कोहराम ।
ऐसी पत्नी दो भगवान,
जो कर दे घर को सुखधाम !
रहे ना पनघट, मन में पीर,
गोरी अब घर लायें ना नीर,
बिन देखे मन होय अधीर,
भटक रहा तेरा भक्त, गुलाम,
गर्ल्स हॉस्टल, कॉलेज धाम ।
ऐसी पत्नी दो भगवान,
जो कर दे घर को सुखधाम !
देर ना करिए अब भगवान्,
जल्दी से कर दो कल्याण,
निकल ना जायें मेरे प्राण ।
ऐसी पत्नी दो भगवान,
जो कर दे घर को सुखधाम !
हे रघुनन्दन, हे घनश्याम,
विनती चौबीसों भगवान,
ऐसी पत्नी दो भगवान,
जो कर दे घर को सुखधाम !
प्रतिभा हो बहु आयामी !
पत्नी शरणम् गच्छामि !!