मुझे तो लगता है,
विश्व सुन्दरी ऐश्वर्या राय,
बहुत ही ‘चूजी’ हैं,
क्योंकि जो करोड़ों आँखें,
उन्हें चाहतीं हैं,
उन्हीं लोगों से,
रोजाना टी व्ही पर,
उनकी ही आँखें मांगतीं हैं,
लेकिन शायद वो यह नहीं जानतीं हैं -
कि भारत में,
कोई भी चीज,
मांगने से नहीं मिलती है,
यहाँ तो हर चीज की,
कीमत चुकानी पड़ती है।
यदि वो कीमत में,
सिर्फ एक बार,
अपनी झील सी गहरी आँखों में,
डूबने की इजाजत दे दें,
तो करोड़ों जीने वालों की ही नहीं,
स्वेच्छा से मरने वालों की भी,
मुफ्त में दुआयें ले लें,
तब भिखारी की तरह,
कुछ मांगने की जरूरत ही नहीं रहेगी,
क्योंकि -
डूब कर मरने वालों की,
खुद व खुद,
लाइन ही लगी रहेगी।
अरे जो उनसे,
दो पल नजरें मिलायेंगे,
स्वयं ही शकुन से,
मुर्दे हो जायेंगे,
सौगात में आँखें ही क्या,
दिल, जिगर, जां, खून,
गुर्दे भी दे जायेंगे,
फिर आप भारत में,
जिधर भी जायेंगे,
उधर ही दिल, जिगर, गुर्दों के,
बैंक ही बैंक पायेंगे।
जिन्हें स्पेयर पार्ट की तरह,
जहाँ चाहें लगा लीजिये,
या जिसे चाहे जहाँ,
जब तक चाहे वहां,
बैंक में पनाह दीजिये।
विदेशी भी जिस धर्म, जाति के,
अंगों का ऑर्डर करेंगे,
सारे के सारे,
' रेडी स्टॉक ' में मिलेंगे,
जिनके निर्यात से,
सारे विदेशी कर्जे चुक जायेंगे,
लाखों करोड़ों भारत के काम आयेंगे,
बेरोजगारी से मुक्ति पायेंगे,
और भारत के 'चरित्रवान' लोगों के,
वारे न्यारे हो जायेंगे।