जब मैं उस ताबूत में बंद हू़ंगा तो तुम मुझसे मिलने आओगे ना तो आज ही आ जाओ ना।
अंतिम पल से पहले ही मिल जाओ ना।
जब मैं चार कंधों पर हू़ंगा तो तुम मुझे मेरे सारे पापों के लिए माफ करोगे ना।
तो आज ही कर दो ना।
जब मैं चिता पर जल रहा हूंगा तो तुम मेरी सारी नफरत भूल जाओगे ना।
तो आज ही भूल जाओ ना।
जब मेरी चिता की राख तुम देख रहे होगे तुम मेरे से बात करना चाहोगे ना।
तो आज ही कर लो ना।
अंतिम पल क्यों कर रहे हो इंतजार॥
आज ही गले मिल जाओ ना॥