मैं एक अकेली माँ हूँ समाज कि भाषा में कहें तो सिंगल मदर पर मुझे इसका कोई अफसोस नहीं है| मेरे पिता कि मृत्यु मेरे बचपन में ही हो गयी थी मेरी माँ ने हम सभी बहन भाईको अकेली माँ बनकर ही पाला था|जब एक माँ को भगवान का दर्जा दिया गया है तो फिर एक अकेली माँ को समाज उलाहना, ताने क्यों मारता है? 

मैं इस आर्टिकल के माध्यम से ये पुछना चाहती हूँ कि क्यों वो ऐसा भेदभाव करता है एक सिंगल मदर होना कोई गुनाह नहीं मै पढ़ी लिखी हूँ| अपने बच्चें कि परवरिश कर सकती हूँ|हर जगह हमपर तरस खाया जाता है हमें बेचारा महसूस कराया जाता है हमारी परवरिश पर अंगुली उठाई जाती है|पर अब बस मैंने ऐसी बातों पर परेशान होना छोड़ दिया है|मेरा बेटा मुझ पर गर्व करता है ये सबसे बड़ा सम्मान है मेरे लिए|और मुझे सभी सिंगल मदर्स पर बहुत गर्व है बस आप सभी अपने बच्चों को अच्छी परवरिश दीजिये|समाज का क्या उसने तो भगवान को भी नहीं छोड़ा तो हम तो इंसान है|

मुझे यकिन है कि मेरे इस लेख से सबका ना सही पर कुछ लोगों का हमारे प्रति जो रवैया है वो बदलेगा जरूर| 

जय भारत! जय हिंद|

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