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भाषा हमारे देश का गौरव है लेकिन जिस तरह से अंग्रेजी भाषा हमारे देश में बुरी तरह से हावी हो रही है कि मुझे डर है कि एक दिन हिंदी भाषा पुरी तरह से लुप्त हो जाएगी | आजकल जहाँ देखो वहाँ अंग्रेजी की जरूरत समझायी जा रही है बच्चों को पैर छूना नहीं हैलो हाय सिखाया जा रहा है | बच्चे अपने बुजुर्गों को अपने मित्रों से मिलवाने में शर्म करते हैं क्योंकि उन्हें अंग्रेजी बोलनी नहीं आती | माता पिता बच्चों के स्कूल में जाने से कतराते है क्योंकि उन्हें अंग्रेजी बोलनी नहीं आती | ऐसा क्यों हो रहा है? क्या हमारी सोच बस अंग्रेजी तक आकर सिमट गयी है | हर तरफ अंग्रेजी बोलने की मानों होड़ लग गई है | किसी में कितना भी हूनर हो उसमें कितनी भी काबिलियत हो लेकिन उसे किसी बड़ी कंपनी में नौकरी नहीं मिलेगी क्योंकि उसे अंग्रेजी नहीं आती है | हिंदी में बात करने वाले इंसान को ऐसी नजर से देखा जाता है जैसे वो किसी और दुनिया से आया है | हमारे देश में बहुत कम लोग बचे हुए हैं जो इस भाषा से प्रेम करते हैं | उनमें से ज्यादातर लेखक होगें और छोटे मोटे व्यापारी होगें | माना कि अंग्रेजी बोलना अच्छी बात है पर उसके सामने हिंदी को कौसना गलत है.. इस पर ये गाने कि लाइन भी लिखी गई कि

"हिंदी है हम वतन है हिंदुस्तान हमारा सारे जहाँ से अच्छा हिन्दुस्तान हमारा हमारा"

पिछले कई दिनों से मेरा अजीब अनुभव रहा|अंग्रेजी भाषा तो जैसे इंसान की जिंदगी का अहम हिस्सा बन गया है| हर जगह अंग्रेजी भाषा अनिवार्य हो गई है | मुझे पढ़ना और पढा़ना बहुत अच्छा लगता है | उम्र के इस पड़ाव पर मुझे अपनी पढा़ई पूरी करने का शौक चढ़ा| मेरी पढा़ई हिंदी भाषा में हुई | मैं प्रोफेसर और लेखिका बनना चाहती हूँ तब मैनें तय किया की मैं किसी विधालय में अध्यापिका के लिए सक्षात्कार दूं | ताकि मैं अपनी पढा़ई के साथ साथ शिक्षण का अनुभव प्राप्त कर सकूँ | मैनें शिक्षण से जुड़ी कोई विशेष शिक्षा नहीं ली | मैनें तय किया की मैं बच्चों को हिंदी विषय आसानी से पढा़ सकती हूँ लेकिन साक्षात्कार के दौरान मुझे पता चला की हिंदी अध्यापक के लिए भी अंग्रेजी भाषा बोलना अनिवार्य है | मुझे बहुत हैरानी हुई | माना कि प्रतिस्पर्धा बढी है लेकिन हम अपनी राष्ट्रीय भाषा को नकार कैसे सकते हैं | मुझे लगता था हिंदी भाषा मे हम अपने अहसास अपनी बात अच्छे से सामने वाले को बता सकते हैं समझा सकते हैं | माना कि अंग्रेजी भाषा हमें आकर्षित करती है लेकिन हिंदी भाषा में जो प्रेम है वो अंग्रेजी में नहीं है | आज अंतराष्ट्रीय देशों के लोग बड़े गर्व से हिंदी में बात करते हैं हमारी संस्कृति को पंसद कर रहे हैं | मेरे हिसाब से हमें अंग्रेजी सीखनी चाहिए लेकिन उसे जरुरत नहीं बनाना चाहिए| पहले के समय मे लोग हिंदी और संस्कृत में बात करते थे आज वो भाषाए धीरे धीरे लुप्त हो रही है | हमें अपनी राष्ट्र भाषा बोलते समय शर्म महसूस नहीं होनी चाहिए | हम अंग्रेजी भाषा से अपना व्यक्तित्व आकर्षित कर सकते हैं लेकिन जो सादगी जो सच्चाई हिंदी भाषा में झलक

हिंदी भाषा हमारे देश का गौरव है लेकिन जिस तरह से अंग्रेजी भाषा हमारे देश में बुरी तरह से हावी हो रही है कि मुझे डर है कि एक दिन हिंदी भाषा पुरी तरह से लुप्त हो जाएगी | आजकल जहाँ देखो वहाँ अंग्रेजी की जरूरत समझायी जा रही है बच्चों को पैर छूना नहीं हैलो हाय सिखाया जा रहा है | बच्चे अपने बुजुर्गों को अपने मित्रों से मिलवाने में शर्म करते हैं क्योंकि उन्हें अंग्रेजी बोलनी नहीं आती | माता पिता बच्चों के स्कूल में जाने से कतराते है क्योंकि उन्हें अंग्रेजी बोलनी नहीं आती | ऐसा क्यों हो रहा है? क्या हमारी सोच बस अंग्रेजी तक आकर सिमट गयी है | हर तरफ अंग्रेजी बोलने की मानों होड़ लग गई है | किसी में कितना भी हूनर हो उसमें कितनी भी काबिलियत हो लेकिन उसे किसी बड़ी कंपनी में नौकरी नहीं मिलेगी क्योंकि उसे अंग्रेजी नहीं आती है | हिंदी में बात करने वाले इंसान को ऐसी नजर से देखा जाता है जैसे वो किसी और दुनिया से आया है | हमारे देश में बहुत कम लोग बचे हुए हैं जो इस भाषा से प्रेम करते हैं | उनमें से ज्यादातर लेखक होगें और छोटे मोटे व्यापारी होगें | माना कि अंग्रेजी बोलना अच्छी बात है पर उसके सामने हिंदी को कौसना गलत है.. इस पर ये गाने कि लाइन भी लिखी गई कि

"हिंदी है हम वतन है हिंदुस्तान हमारा सारे जहाँ से अच्छा हिन्दुस्तान हमारा हमारा"

पिछले कई दिनों से मेरा अजीब अनुभव रहा|अंग्रेजी भाषा तो जैसे इंसान की जिंदगी का अहम हिस्सा बन गया है| हर जगह अंग्रेजी भाषा अनिवार्य हो गई है | मुझे पढ़ना और पढा़ना बहुत अच्छा लगता है | उम्र के इस पड़ाव पर मुझे अपनी पढा़ई पूरी करने का शौक चढ़ा| मेरी पढा़ई हिंदी भाषा में हुई | मैं प्रोफेसर और लेखिका बनना चाहती हूँ तब मैनें तय किया की मैं किसी विधालय में अध्यापिका के लिए सक्षात्कार दूं | ताकि मैं अपनी पढा़ई के साथ साथ शिक्षण का अनुभव प्राप्त कर सकूँ | मैनें शिक्षण से जुड़ी कोई विशेष शिक्षा नहीं ली | मैनें तय किया की मैं बच्चों को हिंदी विषय आसानी से पढा़ सकती हूँ लेकिन साक्षात्कार के दौरान मुझे पता चला की हिंदी अध्यापक के लिए भी अंग्रेजी भाषा बोलना अनिवार्य है | मुझे बहुत हैरानी हुई | माना कि प्रतिस्पर्धा बढी है लेकिन हम अपनी राष्ट्रीय भाषा को नकार कैसे सकते हैं | मुझे लगता था हिंदी भाषा मे हम अपने अहसास अपनी बात अच्छे से सामने वाले को बता सकते हैं समझा सकते हैं | माना कि अंग्रेजी भाषा हमें आकर्षित करती है लेकिन हिंदी भाषा में जो प्रेम है वो अंग्रेजी में नहीं है | आज अंतराष्ट्रीय देशों के लोग बड़े गर्व से हिंदी में बात करते हैं हमारी संस्कृति को पंसद कर रहे हैं | मेरे हिसाब से हमें अंग्रेजी सीखनी चाहिए लेकिन उसे जरुरत नहीं बनाना चाहिए| पहले के समय मे लोग हिंदी और संस्कृत में बात करते थे आज वो भाषाए धीरे धीरे लुप्त हो रही है | हमें अपनी राष्ट्र भाषा बोलते समय शर्म महसूस नहीं होनी चाहिए | हम अंग्रेजी भाषा से अपना व्यक्तित्व आकर्षित कर सकते हैं लेकिन जो सादगी जो सच्चाई हिंदी भाषा में झलकती है वो अंग्रेजी भाषा में नहीं | हिंदी बोलने पर गर्व महसूस कीजिये शर्म नहीं.|

हिन्दी

हिन्दी का अहसास अलग है
हिन्दी का स्वभाव अलग है
सरलता से समझाती बातें
हिन्दी का अदांज अलग है
हिन्दी को कम मत समझों
हिन्दी का वर्चस्व अलग है
भारत का अभिमान है हिन्दी
हिन्दी की पहचान अलग है
जय हिंद !

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