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विकलांगता एक अभिशाप नहीं,
यह दिव्य अवसर है,
महान हो जाने का।
एक ऐसा अवसर जो
आमजन को होता नहीं प्राप्त।
अवसर जो हमें,
कुछ ऐसा कर दिखाने का
है अवसर देता,
जो संभवत: न हो हर किसी को हो प्राप्त ।
उदाहरण तो कई हैं इस संसार में
परंतु इतिहास में हैं कुछ ऐसे
जिन्हें समाज, जगत और जन करते हैं प्रणाम।
निरुत्तर हो जाते सभी,
महर्षि अष्टावक्र के समक्ष।
थी हेलेन केलर एक नाम ऐसा
किया जग को विस्मृत
अपने योग्यता के बल पर।
हॉकिंस बैठ अपनी व्हीलचेयर पर,
किया भ्रमण संपूर्ण ब्रह्मांड का।
दीपा मलिक का गोला
है उड़ता आकाश में,
गिरते ही दर्ज करता एक अद्वितीय गर्ग।
माना की राह नहीं होगी आसान
करने होंगे अथक प्रयास।
परंतु भरतवंशियो के रक्त में,
है दौड़ती ऊर्जा निरंतर।
मार्ग में कितने भी हो कंटक,
उनके ऊपर से गुजर जाने का
है रखते हम सब हुनर।
अभी भी है मौका
कर दिखलाने का कुछ अलग,
जिससे जगत को हो पुन: ज्ञात
कि विकलांग नहीं दिव्यांग है हम।

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