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ऐ मेरी मां तेरी लोरियां सुनने को जी चाहता है
फिर से अपना बचपन पाने को जी चाहता है
वक़्त की गर्दिश मुझको बहुत सताती है मां
तेरे आंचल तले चैन से सोने को जी चाहता है
तुझे देखकर मेरे दिल को बहुत सुकून मिलता है
मां तेरे बुढ़ापे में मुझको मेरा बचपन झलकता है
तेरे झुर्रियों में मेरा बीता हुआ वक़्त दिखता है
हे मां तेरी मुहब्बत वा दुआओं का ही असर है
जो हर बलाओं से मै बचकर निकल जाता हूं
उम्र भर तेरी खिदमतदारी का इजहार करता हूं
तेरी खुशी में ही मैं अपनी जन्नत समझता हूं
तूं ही मेरी पूरी कायनात, तूं ही मेरा सब कुछ है
ऐ मेरी प्यारी मां तुझसे ही हुआ मेरा वजूद है
मेरी जिंदगी तेरे ममता के साए में महफूज है !

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