इस धरती की मुस्कान,
बसी है मज़दूरों की मेहनत में.
आज ज़रा रुककर और ठहर कर
जानते हैं इनकी ज़िन्दगी के बारे में.
अब आप कहेंगे....
इनके बारे में क्या ही जानना,
मज़दूर हैं ये, काम करते हैं,
पैसे कमाते हैं,
और दो वक़्त की रोटी बड़े मज़े से खा ही लेते हैं.
आये गए हम लोग इन्हें बक्शीश दे ही देते हैं
मस्त तीज त्योहारों में मिठाई पकवान खरीद ही लेते हैं.
इन्हें क्या टेंशन, ज़िन्दगी तो ये ज़िंदादिली के साथ जी ही लेते हैं.
आइए, आपकी इस सोच को वास्तविकता के कैमरे से आज हम दिखाते हैं.
इनके हाथ जो पसीने से भीगे हुए हैं,
इनके चेहरे जो धूप में तप रहे हैं,
आँखें जो थकी थकी सी हैं,
लेकिन फिर भी ये मुस्कुरा रहे हैं.
सुबह की शुरुआत गार्ड जी के गुड मॉर्निंग से है,
शाम की छुट्टी गार्ड जी के बाय बाय से है,
तेज़ धूप हो या भरी दोपहर की लू,
गार्ड जी की जगह बदलती ही नहीं है
शाम ढले, फिर भी ये मुस्कुरा रहे हैं.
चिप्स और कुरकुरे के पैकेट्स हम जो फेंकते हैं,
रमेश भैया बड़े अच्छे से झाड़ू से साफ़ कर देते हैं,
चुपचाप बिना शिकायत के,
सारी गंदगी खुद से सहेज लेते हैं,
फिर भी देखो ये मुस्कुरा रहे हैं.
फूल पौधों को पानी ये रोज़ डालते हैं,
गौरव भैया हमारे, बड़े गर्व से हर एक पौधे को सींचते हैं
तेज़ चिलचिलाती धूप में भी,
खाद मिट्टी बराबर डालते हैं,
मेहनत के पसीने से एक एक फूल को बड़ा करते हैं
फिर भी बड़े प्यार से मुस्कुरा रहे हैं.
हमारी गंदगी को ये स्वीपर दीदी भैया
हर रोज़ संवारते हैं,
झाड़ू पोंछा मार कर, क्लासेज को चकाचक कर देते हैं,
शाम ढलते हम फिर से गन्दा कर देते हैं
लेकिन ये फिर भी मुस्कुरा रहे हैं.
अब वापिस चलते हैं,
वास्तविकता के दूसरे पहलु से आपको रु-ब-रू कराते हैं.
मज़दूर, जो नहीं हैं मजबूर,
मर्यादा में रहकर, बोली हैं इनकी मधुर
मुश्किल समय में भी, मनोबल इनका भरपूर
मेहनतकश इंसान हैं ये, नहीं होना चाहते मशहूर
मेहनत में बसी उनकी पहचान ज़रूर,
सपनों से भरा है उनका दिल भरपूर।
मज़दूर, जो सुनते सबकी हैं,
न जाने खुद बेज़ुबान क्यों हैं?
मानते सबका कहना हैं,
न जाने खुद से अधिकारों से अनजान क्यों हैं?
सबको सम्मान से देखते हैं,
न जाने सबकी नज़रों में ये अपमान क्यों हैं?
सलाम उन मज़दूरों को, जिनके होने से
हमारा अस्तित्व और हमारी पहचान है।
खुद की ज़िन्दगी को किश्तों में बाँटकर,
जो देता हमें जीवनदान है।
आइए थोड़ा सा समय निकाल कर,
झुका लें अपना शीश एक बार इनके सामने,
इनकी मेहनत हम सबके लिए वरदान है।