ये वर्जित हैं......
कष्टों को सहकर,
उस बेटी ने जन्म लिया सृष्टि में,
मां ने सहा अत्याचार जो,
उसे जन्म दिया सृष्टि में,
अपना दर्द किसी को न बता पाई,
भ्रूण हत्या जिस पर दुनिया समाई,
हो जाओ कितने भी शिक्षित,
पर ये कैसा ज्ञान हैं,
ये वर्जित है।
एक पुरुष जिन्दगी गुजार देता है,
अपने परिवार के लिए,
पर अगर हो जाए उससे गलती,
उसे समाज निकम्मा करार देता है,
ये कैसे जसबात हैं,
ये वर्जित है।
एक पुरुष ऑफिस जाएं,
उसके बढ़ाई की जाती है,
पर स्त्री के काम करने से,
समाज द्वारा ताने सुनाई जाती हैं,
ये कैसी सोच हैं,
ये वर्जित हैं।
हो जाए लडकी 18 की,
तो उसकी शादी की बात करते है,
उसके सपने कोई नहीं पूछता,
सब अपनी मर्जी चलाते हैं,
आज भी अकेली लड़की को,
अजीब निगाहों से घूरा जाता हैं,
कैसा है ये संसार वो गलत न होते हुए, भी उसे गलत ठहरा दिया जाता हैं,
ये कैसे लोग है,
उनकी सोच पे खरोच हैं जी हां,
ये वर्जित है।।
लड़का और लड़की दोस्त भी होते है ,
ये क्यों नही समझते है,
ये कैसी सोच है,
ये वर्जित हैं।
हुआ लड़का 20 का तो ,
उसे घर चलाने का पाठ पढ़ाया जाता हैं,
हुआ अगर वो25का तो न करता कुछ,
उसे ताने सुनाया जाता है।,
लडको को क्यों नही समझते,
ये कैसा समाज है,
उन्हें समझो,
लड़का लड़की को समान इज्जत और आजादी दो,
ये मेरी आवाज है ,
पर दकियानूसी सोच समाज की है,
जो की वर्जित है जी हां,
ये वर्जित हैं।।।