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अपनी राहें खुद बनाओ,
जो हो अंदर, वही दिखाओ।
क्यों बनें नक़ाब का हिस्सा,
हर चमकती चीज़ नहीं होती हीरा।

तुम्हारे अंदर है जो चमक,
उसे छिपाना है किसका हक़?
जैसे हो, वैसे ही प्यारे,
अपनी कहानी खुद संवारे।

दुनिया के शोर से मत डरना,
अपने दिल की बात सुनना।
जो लोग हैं सच्चे अपने,
वही समझेंगे तुम्हारे सपने।

खामियों को भी गले लगाओ,
हर रंग को दिल से सजाओ।
अनमोल हो, ये जान लो,
खुद पर भरोसा, बस मान लो।

अपनी पहचान ही है खास,
इसे छिपाना, है सबसे बड़ा हताश।
संसार को अपना रंग दिखाओ,
खुद से प्रेम करना सिखाओ।

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