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तुम्हारे साथ बनेगी तो किसी और से बिगड़ जाएगी,
ये दोस्ती न तेरे काम आयेगी न मेरे काम आयेगी ।
हम तो एक से ही थे हमेशा से सबके लिए,
क्या पता था उससे मोहब्बत हमें सबसे जुदा कर जाएगी l
ज़िक्र तेरा करते नहीं ख्याल जहन से जाता नहीं उसका,
क्या पता था खामोशी सब जाहिर कर जाएगी ।
एक वक्त था जब महफिल में हम थे हमारे चर्चे थे,
अब यार कहते हैं इसकी वजह से ये महफिल बिगड़ जाएगी ।
तन्हा था, तन्हा है, तन्हा ही बेहतर है ‘वजह’
बस इस तरह हमारी तनहाई मुझसे यारी निभाएगी ।
तुम्हारे साथ बनेगी तो किसी और से बिगड़ जाएगी,
ये दोस्ती न तेरे काम आयेगी न मेरे काम आयेगी ।