बंधन नहीं प्यारा एहसास है,
जन्म जन्म का साथ है,
पवित्र डोर से बंधी विश्वास की डोर है,
जिसने दो दिलों से दो परिवारों को बांधा है,
यह बंधन नहीं प्यारा एहसास है,
जब पहन अंगूठी पिया की,
लड़की की होती मंगनी,
जुड़ जाता जब से ये संगम है,
बंधते जब गठबंधन में दोनों,
बन जाते जन्म जन्म के साथी,
हर सुख दुख हर रीत के साथी,
बन एक दूजे के निभाते हर कर्तव्य,
क्योंकि बंधन नहीं ये प्यारा एहसास है,
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